15 लाख के ईनामी नक्सली बुद्धेश्वर की तलाश में ऊंचडीह पहाड़ी पर चढ़े गुमला एसपी
Jharkhand news, Gumla news : गुमला के पुलिस अधीक्षक (SP) एचपी जनार्दनन ने मंगलवार (25 अगस्त, 2020) को भाकपा माओवादियों के खिलाफ छापामारी अभियान चलाये. साथ में सीआरपीएफ के अधिकारी एओ किंडो, चैनपुर एसडीपीओ कुलदीप कुमार और पुलिस बल के जवान थे. एसपी ने नक्सलियों के गढ़ रायडीह थाना क्षेत्र के पकोडीह, बोकटा, बांसडीह, परसा, पोगरा, रघुनाथपुर, ऊंचडीह गांव के पहाड़ी एवं जंगल में नक्सलियों की तलाश किये.
Jharkhand news, Gumla news : गुमला (दुर्जय पासवान) : गुमला के पुलिस अधीक्षक (SP) एचपी जनार्दनन ने मंगलवार (25 अगस्त, 2020) को भाकपा माओवादियों के खिलाफ छापामारी अभियान चलाये. साथ में सीआरपीएफ के अधिकारी एओ किंडो, चैनपुर एसडीपीओ कुलदीप कुमार और पुलिस बल के जवान थे. एसपी ने नक्सलियों के गढ़ रायडीह थाना क्षेत्र के पकोडीह, बोकटा, बांसडीह, परसा, पोगरा, रघुनाथपुर, ऊंचडीह गांव के पहाड़ी एवं जंगल में नक्सलियों की तलाश किये.
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि इन इलाकों में भाकपा माओवादी के सबजोनल कमांडर 15 लाख रुपये के ईनामी बुद्धेश्वर उरांव, 5 लाख का ईनामी रंथु उरांव और 2 लाख का ईनामी लजीम अंसारी अपने दस्ते के साथ भ्रमणशील है. नक्सलियों के ठहरने की सूचना के बाद मंगलवार को एसपी ईनामी नक्सलियों को खोजने के लिए उन्हीं के गढ़ में घुसे.
सुबह 7 बजे से लेकर दोपहर तक पुलिस ने पूरे इलाके में छापामारी अभियान चलाया, लेकिन नक्सली नहीं मिले. छापामारी के दौरान एसपी व अन्य अधिकारी ऊंचडीह के पहाड़ पर चढ़े. जहां नक्सली नहीं मिले, लेकिन गांव के कुछ लोग पहाड़ से गिर रहे पानी में नहाते हुए मिले. कुछ महिलाएं एवं युवतियां कपड़ा धो रही थी.
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पुलिस ने ग्रामीणों से पूछताछ किया. साथ ही नक्सलियों के आवागमन की जानकारी ली. करीब एक घंटे तक पुलिस ने ऊंचडीह पहाड़ के कोना-कोना की तलाशी ली. पुलिस को अंदेशा था कि पहाड़ के किसी खोह या गुफा में नक्सली छिपे हो सकते हैं. इसलिए पुलिस ने हर जगह की तलाशी ली. हालांकि, नक्सली नहीं मिले. लेकिन, इस क्षेत्र में नक्सलियों के आवाजाही की पुख्ता जानकारी कुछ लोगों द्वारा पुलिस को दी गयी.
बुद्धेश्वर अपने दस्ते के साथ सरेंडर करे : एसपी
गुमला एसपी ने 15 लाख के ईनामी बुद्धेश्वर उरांव को अपने दस्ते के साथ सरेंडर करने की अपील किया है. एसपी ने कहा है कि कब तक जंगल और पहाड़ में परिवार एवं समाज से दूर रह कर छिपते फिरेगा. अभी भी समय है. मुख्यधारा से जुड़ जाये. हथियार से कभी विकास नहीं हो सकता. न ही अपनी सुरक्षा कर सकते हैं. इसलिए नक्सलियों से अपील है कि वे परिवार एवं समाज के बीच आये. अपने बाल- बच्चों के साथ खुशहाल रहना है, तो हथियार डालना ही पड़ेगा. सरेंडर करने वाले नक्सलियों को पुलिस हरसंभव मदद करेगी. सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ नक्सलियों को दिया जायेगा.
Posted By : Samir Ranjan.