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बारिश थमने के बाद किसानों को वैज्ञानिकों ने दी सलाह, बोले- सब्जी, गेहूं, आलू की खेती के लिए है अच्छा समय

बारिश थमने व गिरते तापमान में किसानों को खेती-बारी में कई प्रकार की सावधानी बरतनी है. पहले से लगायी गयी सब्जियों की निकाई व गुड़ाई करना जरूरी है. आवश्यकता अनुसार ही सिंचाई करना है. क्योंकि बारिश रुकने के बाद अभी भी खेत की नमी बनी हुई है.

गुमला : बारिश थमने व गिरते तापमान में किसानों को खेती-बारी में कई प्रकार की सावधानी बरतनी है. पहले से लगायी गयी सब्जियों की निकाई व गुड़ाई करना जरूरी है. आवश्यकता अनुसार ही सिंचाई करना है. क्योंकि बारिश रुकने के बाद अभी भी खेत की नमी बनी हुई है. वहीं विभिन्न सब्जियों के बिचड़े की बोवाई मुख्य खेत में करने की सलाह कृषि विज्ञान केंद्र गुमला द्वारा दी गयी है.

कृषि विज्ञान केंद्र गुमला के वरीय वैज्ञानिक डॉ संजय कुमार पांडेय ने बताया कि जो किसान गेहूं की खेती करना चाहते हैं. वे अनुशंसित बीज व उर्वरक का प्रबंध कर बोवाई शुरू कर दें. किसान अपनी मनपसंद के अनुसार गेहूं के किस्म का चुनाव कर सकते हैं. सरसों की खेती के संबंध में श्री पांडे ने बताया कि जो किसान सरसों की खेती करना चाहते हैं. वे खेत की तैयार करें. सरसों की बोवाई कर दें.

सरसों की अनुशंसित किस्म शिवानी, पूसा बोल्ड, पूसा मस्टर्ड इत्यादि में से किसी एक किस्म का चुनाव कर सकते हैं. एक एकड़ में बोवाई के लिए तीन किलोग्राम बीज, 70 किलो यूरिया, 130 किलो सिंगल सुपर फास्फेट एवं 25 किलोग्राम मयूरीएट ऑफ पोटाश की आवश्यकता होगी. बीज को 30 सेंटीमीटर कतार से कतार व 10 सेंटीमीटर की दूरी पर ही लगाये. उन्होंने कहा कि जो किसान आलू की खेती करना चाहते हैं. वे उत्तम किस्म का बीज, उर्वरक आदि का प्रबंध करें. आलू की आगत अनुशंसित किस्म कुफरी, अशोका या पुखराज में से किसी एक किस्म का चुनाव करें. एक एकड़ खेत में 12 क्विंटल बीज की जरूरत होगी.

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