70 हजार की स्कूटी 37,800 में देने का वादा कर गुमला की महिलाओं से की धोखाधड़ी
लैपटॉप, बाइक, स्कूटी व घर निर्माण के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी के आरोपी सेनविल श्रीवास्तव के खिलाफ शिकायत करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. अब गुमला के बसिया की महिला जाफेता सोरेंग ने भी सदर थाना में शिकायत की है.
रांची. लैपटॉप, बाइक, स्कूटी व घर निर्माण के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी के आरोपी सेनविल श्रीवास्तव के खिलाफ शिकायत करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. अब गुमला के बसिया की महिला जाफेता सोरेंग ने भी सदर थाना में शिकायत की है. कहा है कि स्कूटी के लिए उनके साथ नौ महिलाओं ने चुटू नीमटांड़ निवासी सेनविल श्रीवास्तव की कंपनी इस्ट्रूजोन एडुटेक सर्विसेज ओपीएस प्राइवेट लिमिटेड, रांची को छह नवंबर 2018 व पांच फरवरी 2019 को नौ लोगों ने पैसे भेजे थे. इनमें रोज प्रभा मिंज, प्रीशीला केरकेट्टा, इमरेनसिया होरो, उषा प्रभा केरकेट्टा, रोज रीटा लकड़ा, जाफेता सोरेंगे, मारिया गोरिट्टीबा, सोरोफिना सोरेंग व बालामिंडा मिंज ने 37800-37800 रुपये करके कुल 340200 रुपये दिया, लेकिन चार-पांच साल गुजर जाने के बाद भी किसी को स्कूटी नहीं मिली. न ही किसी को पैसे लौटाये गये.
मेरा 27 करोड़ बकाया, मैंने फादर को नोटिस भेजा है : सेनविल श्रीवास्तव
इस मामले में सेनविल श्रीवास्तव ने कहा कि मैंने और मेरी कंपनी ने अभी तक झारखंड में फादर नोबल जॉर्ज के निर्देश पर 2018 से 2021 तक 2508 लैपटॉप, 4508 स्कूटी, 62 इको वैन व अन्य उपकरण सप्लाई किये हैं. मेरा 27 करोड़ रुपये बकाया है. इस वजह से मैं स्वयं अपने वेंडर को पेमेंट नहीं कर पा रहा हूं. पैसे को लेकर मैंने फादर नोबल जॉर्ज व उनके स्टाफ जेम्स नयन टोप्पो को नोटिस भी भेजा है.
सेनविल श्रीवास्तव ने मेरे इमेज व क्रेडिबिलिटी का फायदा उठाया : फादर नोबल जॉर्ज
वहीं, इन आरोपों पर फादर नोबल जॉर्ज का कहना है कि सेनविल श्रीवास्तव लैपटॉप, मोबाइल, बाइक, स्कूटी व इको वैन का प्रोजेक्ट 2018 में खुद लेकर आया था. उसने मेरे इमेज व क्रेडिबिलिटी का फायदा उठाया. मेरे रिफरेंस से डॉन बास्को में काम किया. वह लोगों को खुद स्कूटी, मोबाइल, बाइक व लैपटॉप के लिए मैसेज भेजता था. इसके लिए सेनविल ने खुद फार्म भी निकाला था. लोग उसके खाते में पैसा डालते थे. शुरू में पैसा लेकर इसने कुछ लोगों को सामान दिया. बाद में सबसे पैसा लेकर बैठ गया. कुछ लोगों ने इसके खिलाफ शिकायत की थी. जेल गया था. उस वक्त कई लोग मेरे पास आये कि आप सेनविल से बोलिये कि वह हमारा पैसा लौटा दे. इसके बाद जेल में सेनविल से मिलकर मैंने लोगों का पैसा लौटाने का आग्रह किया. बावजूद उसने पैसे नहीं लौटाये.