गुमला की विनीता ने किया साबित ‘डर के आगे जीत है,’ बहादुरी की प्रशंसा, नौकरी व इनाम देने की मांग
डर के आगे जीत है. यह गुमला की आदिवासी बेटी विनीता उरांव ने साबित कर दिया. विनीता ने खुद को और परिवार को जिंदा रखने के लिए दो दिन पहले नक्सलियों से अकेले भिड़ गयी. एक नक्सली कमांडर को मार गिराया. जिसका परिणाम है कि आज विनीता व उसके घर के सभी सदस्य जिंदा हैं. जरूर, इस घटना के बाद परिवार के लोग दोबारा हमला होने से डरे हुए हैं. परंतु गुमला पुलिस परिवार की सुरक्षा में लगी हुई है.
गुमला : डर के आगे जीत है. यह गुमला की आदिवासी बेटी विनीता उरांव ने साबित कर दिया. विनीता ने खुद को और परिवार को जिंदा रखने के लिए दो दिन पहले नक्सलियों से अकेले भिड़ गयी. एक नक्सली कमांडर को मार गिराया. जिसका परिणाम है कि आज विनीता व उसके घर के सभी सदस्य जिंदा हैं. जरूर, इस घटना के बाद परिवार के लोग दोबारा हमला होने से डरे हुए हैं. परंतु गुमला पुलिस परिवार की सुरक्षा में लगी हुई है.
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गुमला से 10 किमी दूर वृंदा नायकटोली में पुलिस कैंप कर रही है. गुमला के पुलिस अधीक्षक एचपी जनार्दनन ने विनीता के परिवार की सुरक्षा का भरोसा दिलाया है. इधर, विनीता की बहादुरी के बाद आदिवासी समाज के लोग उसकी प्रशंसा कर रहे हैं. उसकी हिम्मत को सलाम कर रहे हैं. गुमला के कई आदिवासी संगठन व नेताओं ने विनीता की हिम्मत व बहादुरी पर बधाई दिया है. साथ ही सरकार व गुमला पुलिस से विनीता को सरकारी नौकरी देने व इनाम के रूप में पांच लाख रुपये देने की मांग की है.
आदिवासी समाज के लोगों का कहना है कि विनीता ने टांगी के बल पर बंदूक से मुकाबला किया. छह-सात नक्सलियों को भागने पर मजबूर किया. आदिवासी नेता सुनील केरकेट्टा ने प्रभात खबर प्रतिनिधि दुर्जय पासवान से कहा कि विनीता के इस हौसले ने तमाम आदिवासी बहू बेटियों की हिम्मत बढ़ा दी है. हम अगर घर चला सकते हैं. मजदूरी कर जी सकते हैं तो जिंदा रहने के लिए सामने वाले दुश्मन को मार भी सकते हैं. यह विनीता ने सिद्ध कर दिया है.
विनीता को सम्मानित करे प्रशासन, पुलिस विभाग में दे नौकरी
श्री केरकेटटा ने गुमला एसपी से विनीता को सम्मानित करने और पुलिस विभाग में नौकरी देने की मांग की है. आदिवासी छात्र संघ गुमला के जिला संयोजक अशोक कुमार भगत ने कहा कि विनीता की बहादुरी निश्चित रूप से आदिवासी समाज के लिए अनुकरणीय है. मैं गुमला प्रशासन से मांग करता हूं कि विनीता को इनाम के रूप में पांच लाख रुपये दिये जाए. साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी मिले.
छात्र मोरचा गुमला के जिला अध्यक्ष महावीर उरांव ने कहा कि विनीता के परिवार को पुलिस विभाग सुरक्षा दे. क्योंकि जिस नक्सली संगठन का कमांडर मारा गया है. उस संगठन के कुछ लोग और हैं. पुलिस उन सभी को पकड़े. जब तक नक्सली पकड़े नहीं जाते, विनीता के परिवार को सुरक्षा मिले. महावीर ने विनीता को पांच लाख का इनाम व नौकरी देने की मांग की है. साथ ही लॉकडाउन खत्म होने के बाद उसे सम्मानित करने की मांग की है. यहां बता दें कि पांच मई की रात को पीएलएफआई के नक्सलियों ने भीम उरांव के घर पर हमला किया था. नक्सलियों से बचने के लिए भीम उरांव की पत्नी विनीता टांगी लेकर नक्सलियों से भिड़ गयी और नक्सली कमांडर बसंत गोप को मार गिराया था.
नक्सलियों से सुरक्षा चाहिए : परिवार
विनीता के देवर पीयूष टोप्पो ने कहा है कि अचानक हुए हमले का मेरी भाभी ने टांगी से जवाब दिया. परंतु मन में भय है. इसलिए पुलिस प्रशासन हमारी मदद करे. हमें सुरक्षा चाहिए. जबतक माहौल शांत नहीं हो जाता. गुमला शहर में रहने की व्यवस्था पुलिस विभाग करे. ताकि हम शांति से अपने परिवार के साथ रह सकें. पीयूष ने कहा कि अभी पुलिस गांव में कैंप कर रही है. परंतु कुछ दिनों के बाद पुलिस चली जायेगी. इसके बाद क्या होगा. यह सोचकर डर लग रहा है.