गुमला के युवक की बेड़ो में मौत, उत्पाद विभाग के दारोगा पर हत्या का आरोप, दो घंटे एनएच रहा जाम

jharkhand news: गुमला के शांति नगर निवासी 22 वर्षीय सत्यम साहू की मौत को लेकर आक्रोशितों ने दो घंटे नेशनल हाइवे जाम किया. परिजनों ने उत्पाद विभाग के दारोगा पर हत्या करने का आरोप लगाया है. वहीं, दारोगा ने इस आरोप को सिरे से खारिज किया. पुलिस भी इसे सड़क दुर्घटना मान रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 30, 2022 7:27 PM

Jharkhand news: गुमला शहर के शांति नगर निवासी देवीचरण साहू के पुत्र सत्यम साहू (22 वर्ष) की मौत बेड़ो थाना के गढ़गांव के समीप रविवार को हो गयी. पुलिस इसे एक्सीडेंट मान रही है क्योंकि घटनास्थल पर शव के साथ दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी मिली है. जबकि परिजनों ने सत्यम की हत्या की आशंका व्यक्त की है. परिजनों ने गुमला उत्पाद विभाग के दरोगा सोनू साहू पर रंगदारी नहीं देने पर हत्या कराने का आरोप लगाया है. परिजन व ग्रामीण दोषी दरोगा के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर दो घंटे तक टावर चौक गुमला के समीप नेशनल हाइवे जाम कर दिया. जिससे रांची व छत्तीसगढ़ मार्ग अवरूद्ध रहा और सैंकड़ों गाड़ियां जाम में फंसी रही. शाम छह बजे गुमला के एसडीओ रवि आनंद व एसडीपीओ मनीषचंद्र लाल द्वारा सत्यम की मौत की जांच कराने का आश्वासन देने के बाद जाम हटाया गया.

हत्या को एक्सीडेंट का रूप दिया गया : भाई

मृतक के छोटे भाई शिवम साहू ने बताया कि उसका भाई सत्यम साहू शनिवार की दोपहर 12.30 बजे संवेदक काली सिंह को रांची छोड़ने स्विफ्ट डिजायर वाहन से गया था. मैं अपने कुछ काम से मुरकुंडा गांव गया था. देर शाम सात बजे अपने घर पहुंचा, तो मां वीणा देवी ने कहा कि अभी तक सत्यम नहीं लौटा है. उसके बाद लगातार एक घंटे तक अपने भाई को फोन किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया, तो किसी अनहोनी की आशंका को लेकर अपने दोस्त संजय को लेकर उसे खोजने निकला. इसके बाद शनिवार को 10.06 बजे में मेरे भाई ने मेरी मां को फोन किया कि हम गुमला आ रहे हैं, लेकिन अपना लोकेशन नहीं बताया. जिसके बाद हमलोग उसे खोजते हुए बेड़ो गढ़गांव के समीप पहुंचे, तो पुलिस वाहन को देखकर रूके. जहां जाकर देखा कि मेरे भाई का शव वाहन से बाहर पड़ा हुआ है.

उत्पाद विभाग के दारोगा पर हत्या का लगाया आरोप

मेरे भाई के वाहन को किसी वाहन द्वारा पीछे से धक्का मारा गया है. वाहन सीधा करने पर उसके सभी गेट लॉक मिला. वहीं वाहन का एक भी कांच नहीं टूटा था. मेरा भाई का एक्सीडेंट होता, तो वह आगे से चोटिल होता. वाहन का शीशी टूटा मिलता. ऐसा कुछ नहीं था. मेरा भाई जूता पहना था. वह भी नहीं था. वाहन के अंदर में अगर एक्सीडेंट से मौत होती, तो खून लगा होता. लेकिन उसे किसी षड़यंत्र द्वारा उत्पाद विभाग के दारोगा सोनू साहू द्वारा हत्या कहीं कराकर उसे दुर्घटना का रूप देने का प्रयास किया गया है. मेरे भाई की हत्या की गयी है. वह दुर्घटना में नहीं मरा है. उसने बताया कि उसने अपने भाई की हत्या का केस इटकी थाना में दर्ज कराने का प्रयास किया. लेकिन इटकी थानेदार द्वारा नाबालिग होने के नाते डरा-धमका कर दुर्घटना का केस दर्ज नहीं किया. मेरा भाई आरओ प्लांट चलाता है.

Also Read: यूपी के कन्नौज में फंसी गुमला के पोकटा गांव की महिला की हुई सकुशल वापसी, परिजनों से मिलकर जतायी खुशी
उत्पाद दारोगा ने दी थी जान से मारने की धमकी

मृतक के भाई ने बताया कि उत्पाद विभाग, गुमला के दारोगा सोनू साहू द्वारा मेरे मृतक भाई सत्यम साहू को रंगदारी का पैसा को लेकर प्रताड़ित कर रहा था. रंगदारी नहीं देने पर उसने मेरे भाई को धमकी दी थी कि गुमला में तुम जिंदा रहोगे या मैं जिंदा रहूंगा. यह देख लेना. इसी वजह से उसने मेरे भाई की हत्या करायी है. क्योंकि सोनू उत्पाद दरोगा है. अक्सर वह नशीली पदार्थ बेचने का दबाव भी देता था. नशीली पदार्थ बेचकर पैसा की डिमांड करता था. जब मेरे भाई ने मना किया तो सोनू ने सत्यम को मरवा दिया.

22 दिन से जेल में बंद है पिता

मृतक सत्यम साहू के पिता देवीचरण प्रसाद अवैध शराब के मामले में गत 22 दिन से जेल में है. उनके घर से गुमला पुलिस व उत्पाद विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से छापामारी कर अवैध शराब पकड़ा था. वे केस दर्ज होने के बाद थाना में जाकर आत्मसमर्पण किया था. जिस वजह से जेल में है. जबकि परिवार के लोगों ने कहा कि उत्पात विभाग के सोनू साहू जबरन अवैध शराब बेचने का दबाव देता था.

पुलिस कस्टडी में शव देखने पहुंचा पिता

इधर, बेटे की मौत की खबर मिलने पर परिजनों के प्रयास से न्यायालय से परमिशन लेकर पुलिस कस्टडी में 12 घंटे के लिए उन्हें घर लाया गया है. जानकारी उसके छोटे बेटे शिवकुमार साहू ने दी. उसने बताया कि शाम साढ़े चार बजे पुलिस कस्टडी में उसके पिता को घर लगाया गया है.

Also Read: गुमला के जिरहुल जंगल में मृत मिला भालू, पेट में मिले गहरे जख्म के निशान, प्रशासन ने किया बरामद
दारोगा सोनू साहू ने आरोपों को किया खारिज

उत्पाद विभाग, गुमला के दारोगा सोनू साहू ने कहा कि मेरे ऊपर लगाया गया आरोप निराधार है. अगर मैंने उनसे रंगदारी मांगी थी, तो उन्हें पुलिस के पास जाना था. या मेरे पास आना चाहिए था कि मैंने फोन किया है कि नहीं किया है. परिजन चाहते हैं तो मेरे मोबाइल की सीडीआर की जांच पुलिस व सीबीआइ से करा ले. मैं तैयार हूं.

पुलिस मुर्दाबाद के लगे नारे

गुमला के सत्यम साहू की मौत की जांच करने, उत्पाद विभाग के दरोगा सोनू साहू पर कार्रवाई व मुआवजा की मांग को लेकर टावर चौक जाम कर रहे ग्रामीण व परिजन उस समय आक्रोशित हो गये. जब एसडीपीओ मनीषचंद्र लाल सड़क जाम की सूचना पर पुलिस बल के साथ पहुंचे. ग्रामीणों ने कहा कि आप लिखित आवेदन ले लीजिए. हमलोग सड़क जाम हटा देते हैं. आवेदन लेने के बाद इटकी थाना में केस दर्ज करने का निर्देश दिया जाये. लेकिन, एसडीपीओ ने इसे इटकी थाना क्षेत्र का मामला बताया. इसपर गुमला पुलिस कुछ नहीं कर सकती. एसडीपीओ की इस बात से जामकर्ता नाराज हो गये और गुमला पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे. एसडीपीओ को लोगों ने घेरकर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे, लेकिन जब बात नहीं बनी तो अंत में एसडीओ रवि आनंद जाम स्थल पर पहुंचे. उन्होंने लोगों को समझाया. साथ ही सत्यम साहू की मौत की जांच का आश्वासन दिया. इसके बाद परिजनों ने एसडीओ को ज्ञापन सौंपकर जाम हटाया.

डीसी के नाम 7 सूत्री मांग पत्र सौंपा

मृतक सत्यम साहू के परिजन व भाई शिवम साहू ने डीसी के नाम सात सूत्री मांग पत्र सौंपा है. ज्ञापन में कहा है कि हत्या की घटना में हत्या की प्राथमिकी दर्ज कर उत्पाद विभाग दारोगा सोनू साहू को अविलंब गिरफ्तार करें. ताकि वह कांड का अनुसंधान प्रभावित न कर सके. परिजनों ने घटना की उच्च स्तरीय जांच कराये जाने की मांग की. प्रशासनिक अधिकारी की संलिप्ता पाये जाने पर विधि सम्मत कार्रवाई करे. मृतक के परिवार को 50 लाख मुआवजा दिया जाय. साथ ही एक आश्रित को सरकारी नौकरी दिया जाय. सोनू साहू द्वारा इस घटना के पूर्व झूठा साजिश रचकर मृतक की हत्या व पिता को जेल भेजवाया है. उस घटना की जांच की जाय. मृतक के पिता को उक्त केस से बरी किया जाय. सोनू साहू जो सरकारी पद में रहते हुए इस घटना को अंजाम दिया. उन्हें व उनके सहयोगियों पर अविलंब कानूनी कार्रवाई की जाय. परिवार में हत्या के बाद मृतक की मां व छोटा भाई घर में है. हत्या से मृतक परिवार में काफी समस्या बढ़ गयी है. प्रशासन सहयोग करें. ताकि प्रशासन पर हमारा भरोसा बना रहे.

Also Read: 6 हजार में बिकी गुमला के असुर जनजाति की नाबालिग बेटी, अब दिल्ली का नाम सुनते ही सहम जाती है पीड़िता


रिपोर्ट : जॉली विश्वकर्मा, गुमला.

Next Article

Exit mobile version