न चलने के लिए सड़क है. न पीने के लिए शुद्ध पानी. गांव में रोजगार भी नहीं है. गरीबी व लाचारी में लोग पलायन को विवश हैं. यह हाल, चैनपुर प्रखंड की मालम पंचायत स्थित तिगावल खंभनटोली गांव का है. इस गांव के लोग आजादी के 75 साल बाद भी सरकारी योजनाओं के मिलने के इंतजार में हैं. परंतु न तो प्रशासन और न ही जनप्रतिनिधि इस गांव के विकास पर ध्यान दे रहे हैं. यहां तक कि पंचायत की मुखिया भी कभी गांव की समस्या दूर करने की पहल नहीं की है. कमीशन व भ्रष्टाचार के कारण इस गांव का विकास रूका हुआ है.
वर्षो पहले गांव में एक पुलिया बनी थी, जो बरसात में ध्वस्त हो गयी. जिसे अब तक नहीं बनाया गया है. अभी लोग समीप के एक नाले से होकर सफर करते हैं. बरसात में आने-जाने में परेशानी होती है. मालम नवाटोली गांव की सड़क भी खराब है. गांव में एक सोलर जलमीनार बनी थी. परंतु कुछ माह पहले यह बारिश व तेज हवा में ध्वस्त हो गयी. इसके बाद से इस जलमीनार की मरम्मत नहीं की गयी है. घटिया निर्माण के कारण कुछ माह में ही जलमीनार ध्वस्त हो गयी. ग्रामीण ज्योति लकड़ा ने बताया कि गांव की आबादी करीब दो सौ के है. प्रखंड मुख्यालय आने जाने हेतु पहुंच पथ एवं पुल-पुलिया नहीं है. विकास के नाम मात्र एक किलोमीटर मोरम पथ मनरेगा से बनी है. मालम में कुछ साल पहले कालीकरण सड़क बनी थी. वह सड़क भी उखड़ गयी.
Posted By : Sameer Oraon