गुमला शहर के चेटर मुहल्ला स्थित निरंजन कुजूर उर्फ चरका के घर के आंगन से मिले नरकंकाल को गुमला पुलिस ने डीएनए जांच व पोस्टमार्टम के लिए रांची रिम्स भेज दिया है. डीएनए जांच के बाद स्पष्ट होगा कि नरकंकाल किसका है. हालांकि, अभी तक नरकंकाल को गुमला शहर के बाजारटांड़ निवासी राजा रजक का बताया जा रहा है. परंतु, गुमला पुलिस का कहना है कि जब तक डीएनए जांच नहीं होगी, तब तक राजा रजक का नरकंकाल कहना जल्दबाजी होगी. इधर, नरकंकाल मिलने के बाद गुमला में चर्चा का विषय बना हुआ है. बता दें कि निरंजन कुजूर जिसने पुलिस को बताया था कि मेरे घर में आंगन में नरकंकाल है. दो युवकों ने राजा रजक की हत्या कर उसके शव को उसके घर के आंगन में गाड़ दिया है. हालांकि, पुलिस उस समय तक निरंजन की बात को सच नहीं मान रही थी. जब तक नरकंकाल नहीं मिला, यहां तक की नरकंकाल निकालने के लिए खुदाई कराने पहुंचे मजिस्ट्रेट ने भी रिपोर्ट में लिख दिया है कि जिस युवक द्वारा नरकंकाल की सूचना दी जा रही है, उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है.
गुमला पुलिस भी निरंजन की बातों को सच नहीं मानते हुए उसे मानसिक रोगी समझ लिया था. वहीं, नरकंकाल मिलने के बाद गुमला के एसपी हरविंदर सिंह ने प्रेस काॅन्फ्रेंस कर बताया कि निरंजन कुजूर की सूचना पर थाना में राजा रजक की हत्या मामले में 15 दिसंबर को ही सनहा दर्ज कर लिया गया था. इसमें चेटर निवासी परम कुमार लाहरी व घाघरा निवासी गणेश महतो को अभियुक्त बनाया गया है. निरंजन के आंगन में बन रहे अर्द्धनिर्मित घर के समीप खुदाई करायी गयी थी, परंतु, पहली खुदाई में नरकंकाल नहीं मिला. दूसरी बार जब खुदाई की गयी, तो नरकंकाल मिला है. डीएनए जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी. मौके पर एसडीपीओ मनीषचंद्र लाल, थानेदार विनोद कुमार व पुअनि विवेक चौधरी थे.