17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हेमंत सरकार की पहल से श्रमशक्ति को मिलने लगा अधिकार व सम्मान, करीब 10 लाख कामगार दूसरे राज्यों से लौटे झारखंड

नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार इन कामगारों को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ा है. इन्हें घर वापस लौटने में होनेवाली कठिनाई, पारिश्रमिक नहीं मिलने सहित बीमारी, प्रताड़ना जैसी कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष इनकी समस्याओं के निदान में तत्परता से लगा है.

Jharkhand News, रांची न्यूज : झारखंड में पहली बार कामगारों और श्रमिकों के मुद्दों पर संवेदनशीलता के साथ सरकार काम कर रही है. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश पर राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष लगातार इनकी समस्याओं के समाधान की दिशा में काम कर रहा है. अब अन्य राज्यों में फंसे श्रमिकों एवं कामगारों को वापस उनके घर लाने से लेकर उनके बकाया वेतन को दिलाने एवं अन्य समस्याओं के समाधान में मदद मिल रही है. पिछले लगभग दो साल में महामारी की वजह से इन श्रमिकों/कामगारों को काफी कठिन हालात का सामना करना पड़ा. ऐसे हालात बने कि इन कामगारों को वापस अपने राज्य में लौटना पड़ा और राज्य सरकार उन्हें ट्रेन, बस से वापस लेकर आई. यही नहीं देश के दुरूह क्षेत्रों में फंसे ऐसे लोगों को हवाई जहाज से वापस झारखंड लाने में सरकार सफल रही.

27  मार्च 2020 से लेकर 31 अक्टूबर 2021 तक दूसरे राज्यों से कुल 9,66,393 कामगार वापस झारखंड लौटे हैं. लॉकडाउन के बाद भी दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों/कामगारों को वापस लाने में राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष अपनी भूमिका निभा रहा है. गिरिडीह के सबसे ज्यादा 158,652 कामगार वापस लौटे. झारखंड वापस आनेवाले श्रमिकों/कामगारों में गिरिडीह जिले से सबसे ज्यादा 1,58,652 कामगार वापस लौटे. पलामू जिले के 1,09,438 कामगार, गढ़वा के 78,539, हजारीबाग के 78,414 कामगार, गोड्डा के 69,752 कामगार, कोडरमा के 42,932 कामगार, पश्चिमी सिंहभूम के 36,293 कामगार, बोकारो के 35,455 कामगार, चतरा के 35,317 कामगार वापस लौटे हैं. इसके अलावा अन्य जिलों में भी कामगार वापस लौटे हैं.

Also Read: हर घर दस्तक अभियान : रांची में 19 नवंबर को मेगा वैक्सीनेशन कैंप, लगेगी कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज

राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष और फिया फाउंडेशन इन कामगारों के हालात पर नजर रख रहा है. नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार इन कामगारों को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ा है. इन्हें घर वापस लौटने में होनेवाली कठिनाई, पारिश्रमिक नहीं मिलने सहित बीमारी, प्रताड़ना जैसी कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. विभाग के प्रयास से कामगारों को बकाया वेतन/मुआवजा के मद में 84,84,647 रुपए दिलाये गए. सिर्फ खूंटी जिले के ही 14,52,420.00 रुपए, रांची के कामगारों को 11,06,600.00 रूपए, गिरिडीह के कामगारों को 6,41,900.00 रुपए, गढ़वा के कामगारों के 4,11,377.00 रुपए, गोड्डा के कामगारों को 4,61,100.00 रुपए का बकाया वेतनमान/मुआवजा दिलाया गया है. इसके अलावा अन्य जिले के कामगारों को भी लंबित वेतनमान/ मुआवजा की राशि का भुगतान कराया गया है. इतना ही नहीं दूसरे राज्यों मे बीमार पड़ने पर, प्रताड़ना जैसे मामले में कानूनी सहायता दिलाने, मृत्यु हो जाने पर शव वापस लाने जैसे मामलों में भी मदद दी जा रही है. ऐसे मे राज्य के प्रवासी कामगारों के बीच राज्य सरकार को लेकर भरोसा और मजबूत हुआ है.

Also Read: भारत-न्यूजीलैंड क्रिकेट मैच में 100 फीसदी दर्शकों की उपस्थिति की अनुमति का मामला पहुंचा हाईकोर्ट

Posted By : Guru Swarup Mishra

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें