बिहार के मुस्लिम युवक ने झारखंड की विधवा से शारीरिक संबंध बनाये, तो झारखंड के युवक ने धोखे से असम की मुस्लिम युवती से की शादी
Love Jihad News, Jharkhand News: लव जेहाद पर देश भर में मचे हंगामा और उत्तर प्रदेश एवं मध्यप्रदेश में इसके खिलाफ कानून बनाने की तैयारी और बिहार एवं महाराष्ट्र में इस पर कानून बनाने की मांग के बीच जज के लिए भी ऐसे मामलों में फैसला देना मुश्किल हो रहा है. सिर्फ शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन के मामले में इलाहाबाद हाइकोर्ट के एक जज ने कहा है कि यह बेहद पेचीदा मामला है.
Love Jihad News: गुमला (दुर्जय पासवान) : लव जेहाद पर देश भर में मचे हंगामा और उत्तर प्रदेश एवं मध्यप्रदेश में इसके खिलाफ कानून बनाने की तैयारी और बिहार एवं महाराष्ट्र में इस पर कानून बनाने की मांग के बीच जज के लिए भी ऐसे मामलों में फैसला देना मुश्किल हो रहा है. सिर्फ शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन के मामले में इलाहाबाद हाइकोर्ट के एक जज ने कहा है कि यह बेहद पेचीदा मामला है.
झारखंड में एक मामला सामने आया है, जिसमें युवक ने अपना नाम और धर्म दोनों गलत बताकर एक मुस्लिम महिला से धोखे से शादी कर ली. महिला जब ससुराल आयी, तो उसे असलियत का पता चला और उसने थाना में अपने शौहर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया.
इससे पहले हजारीबाग के चौपारण प्रखंड में बिहार के एक मुस्लिम युवक ने अपना नाम अर्जुन बताकर एक दलित महिला का यौन शोषण किया. जब महिला ने शादी करने के लिए कहा, तो उसने बताया कि वह मुस्लिम है और उससे शादी करने के लिए उसे अपना धर्म बदलना होगा. गुमला और हजारीबाग के केस में काफी समानता है.
गुमला के बुद्धदेव ठाकुर ने असम में अपना नाम और धर्म दोनों बदल लिया. उसने अपना नाम अख्तर अली रख लिया. बाद में असम की एक मुस्लिम युवती से शादी कर ली. युवक जब पत्नी और बच्चों को लेकर अपने गांव लौटा, तो उसकी पोल खुल गयी. युवक की करतूत से नाराज युवती ने गलत नाम व धर्म बताकर शादी करने की गुमला सदर थाना में प्राथमिकी अपने पति के खिलाफ दर्ज करवायी है.
युवती ने उचित कार्रवाई की मांग की है. जानकारी के अनुसार, असम के बरपेटा जिला स्थित बतरी ग्राम गांव निवासी आबिदा बेगम ने गुमला थाना में लिखित आवेदन दिया है. उसने कहा है कि वर्ष 2015 में कथित अख्तर अली असम पहुंचा और अपने पिता का नाम जमाल अंसारी बताया. अख्तर ने आबिदा से शादी की इच्छा जतायी.
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आबिदा के पिता के पास उसने निकाह का प्रस्ताव भेजा. इसके बाद दोनों परिवारों की रजामंदी से आबिदा की शादी कथित अख्तर अली से हो गयी. शादी के बाद इनके दो पुत्र व एक पुत्री हुई. शादी के बाद आबिदा के पिता ने एक घर बनाकर दिया, जिसमें अख्तर अपनी पत्नी के साथ रहने लगा. वर्ष 2019 में एनआरसी व सीएए असम में लागू हुआ, तो कथित अख्तर अली ने बताया कि उसका घर झारखंड में है.
इसके बाद अख्तर अपनी पत्नी आबिदा और तीन बच्चों के साथ पनसो (गुमला) लौट आया. यहां आकर आबिदा को पता चला कि अख्तर अली का वास्तविक नाम बुद्धदेव ठाकुर है. वह पहले से शादीशुदा भी है. इसकी पहली पत्नी से तीन जवान लड़के व एक शादी के लायक लड़की भी है.
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आबिदा ने शिकायत में कहा है कि उसके पति अख्तर, जो कि असल में बुद्धदेव है, ने उससे कहा कि यहां रहना है, तो तुम्हें अपना धर्म बदलकर हिंदू धर्म अपनाना होगा. इसके बाद उसने आबिदा पर जबरन हिंदू धर्म अपनाने का दबाव बनाने लगा. धर्म नहीं बदलने पर केरोसिन डालकर जिंदा जलाने का प्रयास किया. आसपास के लोगों ने उसकी जान बचायी.
केस दर्ज कराने पर जान से मारने की धमकी
आबिदा ने जो प्राथमिकी दर्ज करवायी है, उसमें कहा है कि बुद्धदेव ठाकुर जब असम में रहता था, तब वहां गौवंशीय पशु की हत्या कर उसका मांस बेचता था. गुमला अपने गांव आने से पहले बुद्धदेव को आबिदा के पिता ने जमीन बेचकर एक लाख रुपये और 15 हजार रुपये का एक मोबाइल फोन दिया था. अब अख्तर उर्फ बुद्धदेव ने उसे अपने घर से निकाल दिया है.
उसने कहा है कि पिछले नौ महीने से वह अपने बच्चों के साथ मुस्लिम समुदाय के पनसो अंजुमन की शरण में है. न्याय के लिए वह दर-दर भटक रही है. महिला ने यह भी कहा है कि बुद्धदेव ने उसे धमकी दी है कि यदि वह पुलिस या प्रशासन के पास शिकायत करने के लिए जायेगी या शिकायत करेगी, तो वह उसे जान से मार डालेगा.
इन धाराओं के तहत दर्ज हुआ मुकदमा
आबिदा की शिकायत पर बुद्धदेव उर्फ अख्तर के खिलाफ पुलिस ने आइपीसी की धारा 341, 307, 506, 494, 498 ए आईपीसी एवं झारखंड फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट-2017 के तहत मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है. आबिदा को पुलिस ने आश्वासन दिया है कि उसे न्याय जरूर मिलेगा.
उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश में बन रहा लव जेहाद का कानून
उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में लव जेहाद के खिलाफ सरकार कानून लाने जा रही है. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कहा है कि लव जेहाद मामले में 10 साल की सजा और शादी के लिए धर्म परिवर्तन कराने का मामला साबित होने पर शादी को रद्द करने का कानून बनाया जा रहा है. वहीं, मध्यप्रदेश में 5 साल की सजा और शादी को रद्द करने का कानून जल्द ही पास होगा.
उधर, बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश की तर्ज पर बिहार में भी लव जेहाद के खिलाफ कानून बनाने की भाजपा नेता गिरिराज सिंह की मांग को खारिज कर दिया गया है. अब महाराष्ट्र में भी लव जेहाद के खिलाफ कानून बनाने की मांग उठ रही है.
दूसरी तरफ, अंतरजातीय विवाह के मामले में फैसला देने में कोर्ट को भी मुश्किलें पेश आ रही हैं. अक्टूबर, 2020 में इलाहाबाद हाइकोर्ट के जज को उस वक्त फैसला देने में काफी परेशानी हुई थी, जब एक दंपती ने अपील की थी कि उन्हें सुरक्षा मुहैया करायी जाये, क्योंकि धर्म बदलकर शादी करने की वजह से उनकी जान को खतरा है. इस पर कोर्ट ने कहा था कि यदि सिर्फ शादी के लिए धर्मांतरण किया गया है, तो वह वैध नहीं होगा, क्योंकि सिर्फ शादी की अड़चन को दूर करने के लिए ऐसा किया गया.
जज ने कहा कि कानूनन एक महिला जब किसी विदेशी से शादी करती है, तो उसके पति की जो राष्ट्रीयता होती है, वह वहां की नागरिक मानी जाती है. लेकिन, भारत में आज भी राष्ट्रीयता और धर्म दोनों अलग-अलग हैं. यदि एक महिला किसी दूसरे धर्म के पुरुष से शादी करती है, तो वह शपथ लेती है कि वह अपने पति के धर्म में आस्था रखेगी. लेकिन, मैंने जो बातें अभी कहीं, उसमें एक समस्या है.
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भारत में धर्म और राष्ट्रीयता दोनों अलग-अलग चीजें हैं. किसी को इसे चुनने की पूरी आजादी है. हमें इस बात की आजादी है कि हम धार्मिक रहें या धार्मिक नहीं रहें. हमारा संविधान हमें यह आजादी देता है कि हम अपना धर्म अपनी मर्जी से चुन सकते हैं. इस अधिकार को कोई हमसे छीन नहीं सकता. इसलिए किसी भी सरकार के लिए यह तय कर पाना कि ‘धर्मांतरण’ वैध या नहीं, बेहद पेचीदा काम है.
Posted By : Mithilesh Jha