गुमला में कैसे मनेगा छठ, कहीं सीढ़ी टूटी है, तो कहीं चारों ओर उगा हुआ है घास, गंदगी से भरे पड़े हैं तालाब
गुमला शहर के छठ तालाबों की स्थिति ठीक नहीं है. किसी छठ तालाब का पानी और सीढ़ियों पर घास उगा हुआ है, तो किसी छठ तालाब का सबसे निचली सीढ़ी टूटी हुई है.
गुमला : गुमला शहर के छठ तालाबों की स्थिति ठीक नहीं है. किसी छठ तालाब का पानी और सीढ़ियों पर घास उगा हुआ है, तो किसी छठ तालाब का सबसे निचली सीढ़ी टूटी हुई है. हम बात कर रहे हैं गुमला शहरी क्षेत्र के छठ तालाबों की. शहरी क्षेत्र में तीन छठ तालाब है. जिसमें एक छठ तालाब सिसई रोड में टावर चौक से लगभग आधा किमी की दूरी पर है.
तालाब के पूर्व एवं पश्चिम दिशा की ओर बनी सबसे नीचे की सीढ़ी टूटी हुई है. तालाब के पानी में भी काफी कचरा पसरा हुआ है. इस तालाब के एक कोने में नगर परिषद द्वारा सामुदायिक शौचालय बनवाया गया है. परंतु शौचालय में ताला लटका रहता है. जिस कारण लोग तालाब की सीढ़ियों को ओपन यूरिनल के रूप में उपयोग कर रहे हैं. दूसरा छठ तालाब मत्स्य विभाग के बगल में है.
यह तालाब वन विभाग का है. इस तालाब की भी नीचे की दो-तीन सीढ़ियां टूटी हुई है. तालाब की सीढ़ियों एवं पानी पर घास भी उगा हुआ है. गंदगी भरा हुआ है. वहीं तीसरा छठ तालाब मुरली बगीचा में है. इस तालाब में पानी कम है. तालाब के चारों ओर घास उगा हुआ है. इस तालाब की सीढ़ियां जगह-जगह टूट गयी है.
सबसे नीचे वाली सीढ़ी के नीचे से मिट्टी का कटाव हो रहा है. संभावना है कि आने वाले एक-दो सालों में इस तालाब की भी सीढ़ी टूटेगी. उपरोक्त तीन छठ तालाबों में प्रत्येक वर्ष छठ पूजा होती है. पूजा के दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. वहीं छठव्रतियों को तालाब के पानी में उतर कर पूजा करनी पड़ती है. परंतु सीढ़ियां टूटी होने के कारण छठव्रतियों को काफी परेशानी होती है. इस समस्या के निदान के लिए टूटी सीढ़ियों की मरम्मत कराने एवं टूटी सीढ़ियों से निकले पत्थरों को पानी से निकलवाने की जरूरत है.