बिशुनपुर : उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक दलित बेटी को न्याय दिलाने के लिए पूरा देश एकजुट हो गया. झारखंड की आदिवासी बेटी को कौन न्याय दिलायेगा? गुमला जिला के बिशुनपुर प्रखंड में एक नाबालिग आदिवासी बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म करने के आरोपी 40 दिन बाद भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. आजाद घूम रहे हैं.
इस बच्ची के साथ 5 युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था. पुलिस दावा कर रही है कि वह हरसंभव कोशिश कर रही है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर लिया जाये. लेकिन करीब डेढ़ महीने बाद भी एक भी आरोपी पुलिस की पकड़ में नहीं आये हैं. घटना 29 अगस्त, 2020 को हुई थी.
बिशुनपुर प्रखंड के आरंगलोया गांव की एक नाबालिग आदिवासी बच्ची अपने भाई के साथ फुटबॉल मैच देखने हरराटोली गांव गयी थी. वहां से लौटने में देर हो गयी. वह अपने गांव अरंगलोया पहुंचने ही वाल थी कि पीछे से दो मोटरसाइकिल पर सवार होकर आये पांच अज्ञात युवकों ने उसे जबरन अपनी गाड़ी में बैठा लिया.
विरोध करने पर युवती के भाई के साथ उन लोगों ने मारपीट भी की. इसके बाद नाबालिग लड़की को अपनी मोटरसाइकिल में बैठाकर भाग गये. युवती के भाई ने तत्काल बिशुनपुर पुलिस को घटना की जानकारी दी. पुलिस ने रात में युवती की बरामदगी के लिए छापेमारी अभियान चलाया.
छापामारी के दौरान ही रात के करीब 1:00 बजे युवती तुमसे कोयल नदी के समीप मिली. उसने पुलिस को बताया कि उसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ है. तब से पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी है, लेकिन उसे अब तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है.
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स्थानीय लोग और पीड़िता के परिवार का कहना है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस की घटना के लिए पूरे देश में आंदोलन चल रहा है, लेकिन गुमला की पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा. न राजनीतिक दल न सामाजिक संगठन. यही वजह है कि बिशुनपुर जैसे पिछड़े क्षेत्र की बेटी को न्याय मिलने में इतनी देर हो रही है.
Posted By : Mithilesh Jha