Loading election data...

झारखंड की मानव तस्कर असीना ने गुमला की आदिवासी बेटी को दिल्ली की सड़कों पर भीख मांगने के लिए किया मजबूर

Jharkhand News, Gumla News, Human Trafficking: झारखंड के मानव तस्करों ने गुमला की आदिवासी बेटी को दिल्ली की सड़कों पर भीख मांगने के लिए मजबूर कर दिया. उग्रवाद प्रभावित जिला गुमला के उरू बारडीह शहीद नायमन कुजूर के गांव की 15 साल की आदिवासी बेटी सरिता कुमारी (बदला हुआ नाम) से महिला मानव तस्कर ने तीन महीने तक दिल्ली की सड़कों पर भीख मंगवाया. सरिता एक पैर से दिव्यांग है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 8, 2020 3:46 PM

Jharkhand News, Gumla News, Human Trafficking: गुमला (जगरनाथ) : झारखंड के मानव तस्करों ने गुमला की आदिवासी बेटी को दिल्ली की सड़कों पर भीख मांगने के लिए मजबूर कर दिया. उग्रवाद प्रभावित जिला गुमला के उरू बारडीह शहीद नायमन कुजूर के गांव की 15 साल की आदिवासी बेटी सरिता कुमारी (बदला हुआ नाम) से महिला मानव तस्कर ने तीन महीने तक दिल्ली की सड़कों पर भीख मंगवाया. सरिता एक पैर से दिव्यांग है.

भीख से उसे हर दिन 200-400 रुपये तक मिल जाते थे. ये पैसे भी तस्कर ले लेता था. प्रताड़ना का शिकार होने के बाद सरिता तस्कर के चंगुल से किसी तरह भाग निकली और सड़कों पर भटक रही थी. चाइल्डलाइन ने सरिता की मदद की. उसे दिल्ली के नारी निकेतन में आठ महीने तक रखा. इसके बाद उसे रांची लाया गया और सोमवार को वह गुमला पहुंची. अभी सरिता गुमला सीडब्ल्यूसी के संरक्षण में है.

इस तरह फंस गयी तस्कर के चंगुल में

सरिता ने बताया कि उसके माता-पिता गरीब है. मजदूरी करते हैं, तो घर का चूल्हा जलता है. गरीबी के कारण ही वह तीसरी कक्षा तक ही पढ़ सकी. एक पैर से वह दिव्यांग भी है, लेकिन विकलांग पेंशन नहीं मिलती. नवंबर, 2019 में उसके परिवार की गरीबी का फायदा उठाकर कांसीर गांव की असीना परवीन उसे दिल्ली ले गयी. असीना ने कहा था कि दिल्ली में काम लगवा देंगे. महीने में 8 से 10 हजार रुपये कमायेगी.

Also Read: VIDEO: झारखंड के सारंडा में अनोखा प्रयोग, मछली मारने के लिए इलेक्ट्रिक करंट का इस्तेमाल करते हैं ग्रामीण

असीना के कहने पर सरिता दिल्ली चली गयी. दिल्ली में असीना किराये के घर में रहती है. दिल्ली ले जाने के बाद असीना ने सरिता को दिल्ली की सड़कों पर भीख मांगने के काम पर लगा दिया. सरिता ने भीख मांगने से इनकार किया, तो उसकी पिटाई कर दी गयी. साथ ही दिल्ली में ही फंसाकर रखने की धमकी दी. इस डर से वह भीख मांगने लगी.

इस प्रकार तस्कर के चंगुल से भागी

सरिता ने बताया कि तारीख तो उसे याद नहीं है, लेकिन रविवार के दिन उसे असीना इंडिया गेट के पास भीख मांगने ले गयी. वह इंडिया गेट के पास भीख मांगने लगी. तभी असीना होटल में खाना खाने चली गयी. असीना जैसे ही उसकी नजरों से ओझल हुई, सरिता वहां से भाग निकली. एक कपड़ा दुकान के पास बैठी थी. तभी कपड़ा दुकानदार ने चाइल्डलाइन को फोन कर दिया. कुछ लोग आये और उसे दिल्ली के नारी निकेतन ले गये. गांव-घर का पता पूछने के बाद उसे रांची भेज दिया गया. इसके बाद रांची से गुमला आ गयी.

Also Read: Vivah Shubh Muhurat 2021: शादी की प्लानिंग कर रहे हैं, तो गर्मी की छुट्टियों में तय करें डेट, अप्रैल से बजने लगेगी शहनाई, जानें कब है सबसे अच्छा मुहूर्त
अब मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा, यहीं पढ़ूंगी

सरिता ने कहा है कि अब वह कभी दिल्ली नहीं जायेगी. अपने ही गांव में अपने माता-पिता के साथ रहेगी. उसने सीडब्ल्यूसी गुमला से अपील की है कि कस्तूरबा स्कूल में उसका नामांकन करवा दिया जाये. वह पढ़ना चाहती है. उसने गुमला प्रशासन से विकलांगता पेंशन शुरू करने की भी अपील की है. गुमला सीडब्ल्यूसी की सदस्य सुषमा देवी ने कहा है कि नाबालिग का नाम बदलकर मानव तस्कर उसे दिल्ली ले गये और उससे तीन महीने तक भीख मंगवाया. सरिता का बयान लेने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.

Posted By : Mithilesh Jha

Next Article

Exit mobile version