मानव तस्करी व दुष्कर्म पीड़ित बच्चियों का कस्तूरबा विद्यालय में नहीं हो रहा एडमिशन, डीईओ ने दिया ये आश्वासन
मानव तस्करी की शिकार कई लड़कियों को दिल्ली व अन्य शहरों से मुक्त कराकर लाया गया है. ये लड़कियां पढ़ने की इच्छुक हैं. इसे लेकर सीडब्ल्यूसी ने जनवरी से लेकर आठ मई तक कई बार शिक्षा विभाग को पत्राचार किया है.
गुमला, दुर्जय पासवान: गुमला जिले के कस्तूरबा स्कूलों में मानव तस्करी व दुष्कर्म की शिकार, अनाथ, रनवे और शिक्षा संरक्षण की 50 लड़कियों का नामांकन नहीं हो रहा है. सीडब्ल्यूसी (चाइल्ड वेलफेयर कमेटी) ने ऐसी 50 लड़कियों की सूची तैयार कर शिक्षा विभाग को सौंपी है. इन लड़कियों का नामांकन वर्ग छह, सात व आठ क्लास में होना है. लड़कियां चार माह से कस्तूरबा स्कूल में नामांकन की आस में हैं, लेकिन विभाग इन लड़कियों के नामांकन में रुचि नहीं दिखा रहा है.
गौरतलब है कि मानव तस्करी की शिकार कई लड़कियों को दिल्ली व अन्य शहरों से मुक्त कराकर लाया गया है. ये लड़कियां पढ़ने की इच्छुक हैं. इसे लेकर सीडब्ल्यूसी ने जनवरी से लेकर आठ मई तक कई बार शिक्षा विभाग को पत्राचार किया है. पत्र में लड़कियों की उम्र, माता-पिता, घर का पता सहित लड़कियां क्यों पढ़ना चाहती है, इसका भी जिक्र है. लड़कियों की सूची झारखंड शिक्षा परियोजना विभाग गुमला में है. परंतु, परियोजना में बैठे अधिकारी लड़कियों के नामांकन की सूची को आगे नहीं बढ़ा रहे हैं.
प्रखंडवार लड़कियों की संख्या
प्रखंड–संख्या
गुमला–19
घाघरा–14
रायडीह–04
सिसई–04
बसिया–01
जारी–05
चैनपुर–02
डुमरी–01
कुल–50
ये मामला है
पोक्सो एक्ट–07
लापता–02
अपहरण–02
रनवे–01
तस्करी–06
अनाथ–02
शिक्षा संरक्षण–14
सीडब्ल्यूसी सदस्य नेम्हंती तिग्गा ने कहा कि कस्तूरबा स्कूल में नामांकन के लिए 50 लड़कियों की सूची शिक्षा विभाग को सौंपी गयी है. सभी लड़कियों के नामांकन की मांग की गयी है. जल्द नामांकन होने से इन लड़कियों की सुरक्षा, संरक्षण व शिक्षा मिलने में परेशानी नहीं होगी.
डीईओ सुनील शेखर ने कहा कि पूर्व में जितने नाम हमारे पास आये थे, उन लड़कियों का नामांकन हो गया है. प्राथमिकता के तौर पर लड़कियों का नामांकन लिया जा रहा है. अगर किसी लड़की का नामांकन नहीं हुआ है, तो सूची प्राप्त कर नामांकन कर लिया जायेगा.