हरिनाखाड़ जंगल के रास्ते में बिछा मिला आइइडी बम
रांची से गुमला पहुंची बम निष्क्रिय टीम, रास्ते को खोद कर आज निकाले जायेंगे बम
गुमला.
गुमला पुलिस व सुरक्षा बलों को क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से हरिनाखाड़ जंगल के रास्ते में आइइडी बम बिछा हुआ मिला है. हालांकि गुमला पुलिस को रास्ते में बिछे बम का तार दिख गया है. रास्ते में बम होने के बाद उस रास्ते से आवागमन बंद कर दिया गया है. वहीं रास्ते को खोद कर आइइडी बम निकालने के लिए बम निष्क्रिय टीम रांची से गुमला पहुंच गयी है. मंगलवार को रात होने के कारण टीम हरिनाखाड़ जंगल में नहीं घुसी. टीम बुधवार को हरिनाखाड़ जंगल में घुस बिछे आइइडी बम को निकाल निष्क्रिय करेगी. बता दें कि हरिनाखाड़ जंगल से चार माह पूर्व जुलाई में भी 35 पीस आइइडी बम मिला था, जिसे गुमला पुलिस व बम निष्क्रिय टीम ने सावधानी से निष्क्रिय किया था. जानकारी के अनुसार विधानसभा चुनाव खत्म होते एक बार पुन: पुलिस नक्सलियों की तलाश में जुट गयी है, ताकि गिने-चुने जो नक्सली बचे हैं, उन्हें पुलिस पकड़ सके. इसके तहत गुमला पुलिस व सुरक्षा बल छापामारी अभियान में निकली थी, तभी आंजन से होकर हरिनाखाड़ जंगल घुसने के रास्ते में पुलिस घुसी, तो जंगल के रास्ते में आइइडी बम बिछा हुआ मिला. बम का तार सड़क के ऊपर आ गया है. उसी तार से पुलिस को पता चला कि रास्ते में बम बिछा हुआ है. इसके बाद तुरंत पुलिस सतर्क हो गयी और उस रास्ते से आवागमन बंद कर बम को निष्क्रिय करने के लिए रांची से बीडी टीम को गुमला बुला लिया गया है.डुमरडीह गांव की 17 महिलाओं से 28.20 लाख की ठगी
गुमला.
गुमला थाना के डुमरडीह गांव में नौकरी दिलाने के नाम पर 17 महिलाओं से विभिन्न बैंकों से लोन निकलवा कर 28 लाख, 20 हजार रुपये ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है. इस मामले को लेकर ठगी की शिकार 17 महिलाओं ने गुमला डीसी व थाना में आवेदन सौंप कर कार्रवाई करने की मांग की है. आवेदन में कहा गया है कि डुमरडीह गांव निवासी एक महिला ने नौकरी दिलाने के नाम पर गांव की 17 महिलाओं से गुमला के विभिन्न बैंकों से लोन निकलवाया और कहा कि तुम लोगों का सारा पैसा 21 नवंबर 2024 तक लौटा देंगे. इसके बाद महिला ने उनलोगों का पैसा नहीं लौटाया और न ही नौकरी लगवायी. उक्त महिला ने रेणु देवी से 80 हजार, तेतरी देवी से 80 हजार, बालमति देवी से 50 हजार, जानकी कुमारी से 60 हजार, विमला देवी से एक लाख, ममता देवी से दो लाख, 50 हजार, देवंती देवी से दो लाख, सुमित्रा देवी से दो लाख, मीना देवी से दो लाख, अश्रिता देवी से 60 हजार, पूजा कुमारी से एक लाख, 20 हजार, किरण कुमारी से 50 हजार, रजनी देवी से पांच लाख, 50 हजार, पूनम देवी से एक लाख, 50 हजार, संगीता देवी से पांच लाख, पूर्णिमा गोस्वामी से 50 हजार, वीणा देवी से एक लाख रुपये विभिन्न बैंकों से निकलवा कर पैसा लेकर चंपत हो गयी है.बाइक सवार को बचाने में दीवार से टकरायी बस, कई यात्री घायल
सिसई.
थाना क्षेत्र के महुआडीपा के समीप एक यात्री बस नेशनल हाइवे सड़क के किनारे घर की दीवार से टकरा गयी. इस हादसे में बस में बैठे कई यात्री घायल हो गये. सभी घायलों को सिसई रेफरल अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के बाद सभी को छुट्टी दे दी गयी. जबकि एक यात्री को गंभीर चोट लगी है. वहीं हादसे के बाद बस के सामने का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है. बताया जा रहा है कि महुआडीपा के समीप से गुजरने के दौरान एक मोटरसाइकिल सवार को बचाने के क्रम में बस चालक अपना संतुलन खो बैठा. जिससे बस नेशनल हाइवे सड़क से उतर गयी और सड़क के किनारे घर की दीवार से जा टकरायी.सड़क हादसे में एक की मौत
गुमला.
लांजी भरदा के समीप सोमवार की रात अज्ञात वाहन की चपेट में आने से लट्ठाटोली निवासी रमेश उरांव (40) की मौत हो गयी. जानकारी के अनुसार रमेश पिकनिक मनाने के लिए सिसई की ओर गया था. वहां रात में पिकनिक मना कर अपनी बाइक से घर लौट रहा था. इस दौरान लांंजी भरदा के समीप अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. घटना के बाद स्थानीय लोगों की मदद से 108 एंबुलेंस के माध्यम से उसे गुमला सदर अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. मंगलवार की सुबह पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करा कर शव परिजनों को सौंप दिया.वन विभाग ने बंद कराया फॉरेस्ट लैंड में सड़क निर्माण कार्य
पालकोट.
लंबा संघर्ष, आंदोलन व इंतजार के बाद पालकोट प्रखंड के गोबर सिल्ली पर्यटन स्थल से अंलकेरा गांव तक सात किमी पक्की सड़क बन रही है. सड़क की लागत 6.80 करोड़ रुपये है. सड़क का काम शुरू हो गया है. परंतु अब वन विभाग उक्त सड़क को बनाने में अड़चन बन गया है. क्योंकि वन विभाग ने फॉरेस्ट लैंड में सड़क बनाने पर रोक लगा दी है. फॉरेस्ट लैंड का हवाला देने के बाद संवेदक ने फिलहाल काम बंद कर दिया है, जिससे हजारों लोगों को एक बार फिर पक्की सड़क पर चलने का सपना अधूरा दिखायी पड़ने लगा है. अलंकेरा गांव निवासी अलख नारायण सिंह ने बताया कि कई दिनों से सड़क का काम बंद है. जब इस संबंध में जानकारी ली गयी, तो बताया गया कि फॉरेस्ट लैंड होने के कारण संवेदक ने सड़क का काम रोक दिया है. अलख नारायण सिंह ने कहा है कि काफी संघर्ष के बाद आजादी के 77 साल बाद पालकोट से अलंकेरा तक पक्की सड़क बन रही है. परंतु अब फॉरेस्ट लैंड का हवाला देकर हमारे गांव के विकास पर बाधा उत्पन्न की जा रही है. सड़क बनवा रहे संवेदक तुलसी साहू से पूछने पर बताया कि जहां-जहां वन विभाग का क्षेत्र पड़ता है. उस जगह कालीकरण रोड नहीं कर रहे हैं. क्योंकि वन विभाग ने उक्त जगह को फॉरेस्ट लैंड बताया है. इधर, वन विभाग के वनपाल कृष्णा महतो ने बताया कि हमने काम को बंद नहीं करवाया है. यह संवेदक का काम है. काम क्यों बंद है. इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है. इधर सड़क का काम बंद होने से अंलकेरा, चटकपुर, डोंगाडांड़, बांदोडीह गांव समेत दर्जनों गांव के ग्रामीणों को आवागमन करने में असुविधा हो रही है. ग्रामीणों ने कहा है कि यह सड़क बन जायेगी, तो हजारों आबादी को लाभ होगा. ग्रामीणों ने वन विभाग व प्रशासन से सड़क बनाने की अनुमति देने की मांग की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है