सुरक्षा नहीं मिली, तो परदेसिया को दूसरे राज्यों में बेच देंगे तस्कर, कई बार दे चुके हैं प्रलोभन
गुमला प्रखंड के खरका गांव निवासी 15 वर्षीय परदेसिया उरांव अनाथ है. कुछ साल पहले मां व पिता दोनों की मौत हो गयी. मां व पिता के निधन के बाद परदेसिया के पास न रहने के लिए घर है और न खाने के लिए अनाज है.
गुमला : गुमला प्रखंड के खरका गांव निवासी 15 वर्षीय परदेसिया उरांव अनाथ है. कुछ साल पहले मां व पिता दोनों की मौत हो गयी. मां व पिता के निधन के बाद परदेसिया के पास न रहने के लिए घर है और न खाने के लिए अनाज है. उसे सरकारी सुविधा नहीं मिली है. राशन कार्ड तक नहीं बना है. परदेसिया के अनाथ होने पर कुछ मानव तस्कर उसे ठग फुसला कर दूसरे राज्य ले जाने की प्लानिंग किये हुए हैं. कुछ तस्करों ने उसे दूसरे राज्य चलने के लिए प्रलोभन भी दिया है. परंतु, चाइल्ड लाइन की पहल से अब तक परदेसिया मानव तस्करी का शिकार होने से बचा हुआ है.
ग्रामीणों ने कहा कि अगर प्रशासन परदेसिया को आश्रय व शिक्षा की व्यवस्था नहीं करता है, तो कभी भी यह बच्चा मुख्यधारा से भटक सकता है. मानव तस्करी का भी शिकार हो सकता है. ग्रामीणों ने प्रशासन से परदेसिया की मदद करने की मांग की है. जिससे परदेसिया सुरक्षित गुमला में ही रह सके.
परदेशिया उरांव की मार्मिक व्यथा
परदेसिया उरांव ने बताया कि माता पिता के निधन के बाद वह होटल में जूठन धोकर पढ़ाई कर रहा था. परंतु, इधर जिस होटल में वह काम करता था. वह भी बंद हो गया. जिससे वह बेकार हो गया. वह टोटांबी स्कूल में 10वीं कक्षा का छात्र है. परंतु, पेट की भूख मिटाने के लिए वह इधर-उधर काम करता है.
जिस कारण वह स्कूल नहीं जा पाता है. परदेसिया ने कहा कि प्रशासन अगर मेरे रहने व खाने पीने की व्यवस्था कर दें तो वह पढ़ लिख कर अच्छा इंसान बनेगा. साथ ही समाज के लिए वह कुछ करेगा. उन्होंने प्रशासन से मदद की गुहार लगाया है. परदेशिया ने कहा कि पहले पिता कैला उरांव की मौत हुई. इसके बाद उसकी मां का निधन हो गया. इसके बाद से वह होटल में काम कर भूख मिटा रहा है.