जांच के बाद राशि भुगतान नहीं हुआ, तो करेंगे रिट दायर : संवेदक

जांच के बाद राशि भुगतान नहीं हुआ, तो करेंगे रिट दायर : संवेदक

By Prabhat Khabar News Desk | August 13, 2020 5:43 AM

गुमला : गुमला नगर परिषद गुमला द्वारा बिजली सामग्री की खरीद मामले की जांच चल रही है. मामले की जांच की जिम्मेवारी सदर एसडीओ को दी गयी है. हालांकि एसडीओ द्वारा मामले की जांच कर गुमला उपायुक्त को रिपोर्ट सौंपी गयी है, परंतु उपायुक्त ने एसडीओ को एक बार फिर से जांच करने निर्देश दिया है. इधर, नगर परिषद में बिजली सामग्री आपूर्ति करने वाले संवेदक वसीम अली ने जांच के बाद जल्द ही राशि भुगतान की मांग की है. भुगतान नहीं होने पर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी (इइ) व एसडीओ के विरुद्ध हाईकोर्ट में रिट दायर करने की बात कही है.

वसीम ने बताया कि परिषद द्वारा बिजली सामग्री आपूर्ति के लिए निविदा आमंत्रित किया गया है. जिसके आलोक में मुझे एल-वन घोषित पर सामग्री आपूर्ति के लिए एकरारनामा किया गया. एकरारनामा के बाद पांच नवंबर 2019 को मैंने सामग्री की आपूर्ति भी कर दी. इसके बाद छह नवंबर 2019 को मैंने विपत्र जमा कर भुगतान की मांग की. इसी बीच आरिफ आलम सहित कुछ पार्षदों ने बिजली सामग्री खरीदारी की आठ बिंदुओं सहित डस्टबीन खरीदारी में गड़बड़ी की शिकायत दर्ज करायी. इसके बाद मेरा भुगतान रोक दिया गया. फिर सामग्री खरीदारी में गड़बड़ी का मामला गुमला उपायुक्त के समक्ष पहुंचा. उपायुक्त ने सदर एसडीओ को जांच के लिए अधिकृत किया.

वसीम ने बताया कि एसडीओ द्वारा सामग्री खरीदारी जांच के बारे में मुझे जानकारी नहीं थी. जब मुझे पता चला तब मैंने एसडीओ के समक्ष अपना पक्ष भी रखा, परंतु एसडीओ द्वारा मेरे पक्ष पर ध्यान नहीं दिये जाने के कारण मैंने 30 जुलाई 2020 को गुमला उपायुक्त को आवेदन देकर किसी दूसरे पदाधिकारी से सामग्री खरीदारी की जांच कराने की मांग की, क्योंकि एसडीओ की जांच में ऐसे सामानों की कमी स्टॉक में दिखलायी गयी थी, जिस सामग्री की मांग नप के बीओक्यू में नहीं था.

इसके लिए लोहे का एंगल व पाइप सहित कुछ सामग्री स्थानीय स्तर पर ही बना कर दिया जाना था, जिसे एसडीओ ने जांच में प्रतिवेदन में लिखा था कि कंपनी का ब्रांड नहीं है. इसी प्रकार नगर परिषद के बीओक्यू में बड़ा वेपर लाइट लगाने के लिए एक हजार एलइडी बल्ब की मांग की है. इस लाइट की भी मेरे द्वारा आपूर्ति की गयी है, परंतु इस लाइट पर भी आपत्ति की गयी है.

परंतु आठ बिंदुओं पर जांच की मांग के आलोक में महज एक ही बिंदु पर जांच कर एसडीओ द्वारा गुमला उपायुक्त को प्रतिवेदन दिया गया है. इस पर मेरे पुन: जांच कराने की मांग करने के बाद उपायुक्त ने एसडीओ को पुन: जांच करने का निर्देश दिया है. इस जांच के बाद भी यदि मेरा राशि का भुगतान नहीं होता है, तो विवश होकर नप कार्यपालक पदाधिकारी और एसडीओ गुमला के विरुद्ध हाइकोर्ट में रिट दायर करेंगे.

Post by : Pritish Sahay

Next Article

Exit mobile version