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गुमला में मिचौंग ने मचाई तबाही, धान की फसल बर्बाद, किसान बेहाल

साइक्लोन मिचौंग का असर गुमला जिले में भी पड़ा है. जिले के सभी 12 प्रखंडों में बारिश हुई है, जिससे धान की फसल को नुकसान हो रहा है. बारिश से धान की कटनी व मिसनी बंद है. खलिहान में धान को प्लास्टिक से ढक कर रखा गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 7, 2023 12:33 AM

साइक्लोन मिचौंग का असर गुमला जिले में भी पड़ा है. जिले के सभी 12 प्रखंडों में बारिश हुई है, जिससे धान की फसल को नुकसान हो रहा है. बारिश से धान की कटनी व मिसनी बंद है. खलिहान में धान को प्लास्टिक से ढक कर रखा गया है. इधर, बीते दो दिनों से जिले भर में ठंड बढ़ गयी है. परंतु कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं की गयी है. ठंड बढ़ने से बच्चों के स्वास्थ्य पर भी व्यापक असर पड़ रहा है. अस्पतालों में बच्चों के इलाज के लिए अभिभावकों को देखा जा रहा है. डुमरी प्रखंड में सोमवार को बूंदाबांदी बारिश हुई. मंगलवार को रातभर बारिश होती रही, जिससे धान कटनी प्रभावित हुईं है. धान की फसलों को नुकसान होने का डर है. धान मिसनी कार्य अभी शुरू नहीं हुई है. खेतों व खलिहानों में रखा धान पानी से भींग गया है. प्रखंड में कहीं अलाव की व्यवस्था नहीं की गयी है. घाघरा प्रखंड में मंगलवार की रात से ही बूंदाबांदी बारिश ने किसानों को संकट में डाल दिया है. किसान अपने धान को खेतों से काट कर खलिहान में रखे हैं. मिसने की तैयारी कर ही रहे थे कि बूंदाबांदी बारिश ने परेशानी में डाल दिया. कई किसान अपने धान के गांज को तिरपाल से ढक कर रखे हैं. जारी प्रखंड क्षेत्र में दो दिन से बूंदाबांदी बारिश हो रही है. इससे प्रखंड क्षेत्र में धान कटनी का कार्य बंद है. धान बारिश से भींग गया है, जिससे धान अंकुरित हो सकता है. जारी प्रखंड क्षेत्र में कहीं अलाव की व्यवस्था नहीं की गयी है. बिशुनपुर प्रखंड में पिछले 24 घंटे से रुक-रुक कर मध्यम दर्जे की बारिश लगातार हो रही है. किसान दिगंबर मुंडा ने कहा है कि अचानक बारिश से किसानों को सबसे अधिक खेत में कटे पड़े धान व खलिहान में मिसनी के लिए रखे धान को नुकसान पहुंचेगा. आलू जो नहीं निकला है, उसे भी नुकसान पहुंचेगा. पालकोट प्रखंड में दो दिनों से बारिश हो रही है, जिससे किसान संकट में हैं. खलिहान में रखे धान के गांज को किसान बचाने के लिए प्लास्टिक से ढक कर रखे हुए हैं. ठंड से बचाव के लिए सार्वजनिक जगहों में अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. 

चैनपुर प्रखंड में दो दिन की बारिश से धान की कटनी प्रभावित हुई है. बूंदाबांदी से किसान परेशान हैं. जिस खेत में धान काट कर रखा हुआ है, वहां बारिश का पानी जमा हो गया है, जिससे फसल सड़ने का डर लगा हुआ है. अलाव की व्यवस्था कहीं नहीं हुई है. रायडीह प्रखंड का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. प्रशासन की ओर से अलाव की व्यवस्था नहीं की गयी है. बारिश से किसान परेशान हैं. 50 प्रतिशत किसान का धान अभी भी काट कर खेतों में रखा हुआ है. बारिश से धानों को भारी नुकसान होने का डर है. सिसई प्रखंड में दो दिन से मौसम का मिजाज बदला हुआ है. दिन भर बादल छाये रहे. रुक-रुक कर हो रही बूंदाबांदी से किसानी कार्य प्रभावित है. बारिश के कारण कटाई व मिसाई कार्य बंद है. साथ ही ठंड बढ़ गयी है. बूंदाबांदी के बीच दो किमी के दायरे में तीन जतरा लगा, जिसमें लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. 

भरनो प्रखंड में पिछले 24 घंटे से रुक-रुक कर मध्यम दर्जे की बारिश लगातार हो रही है. किसान सोमरा पहान ने कहा कि अचानक बारिश से किसानों को सबसे अधिक खेत में काट कर रखे हुए धान व खलिहान में मिसनी के लिए रखे धान को नुकसान पहुंचेगा. बसिया प्रखंड में दो दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश से मौसम बदल गया है. आसमान में बादल छाये रहने से ठंड बढ़ गयी है. किसान मुन्ना ओहदार ने बताया कि पानी से भींगने के बाद अब धान में अंकुर होने लगा है. कामडारा प्रखंड में पिछले 24 घंटे से बारिश हो रही है. बारिश से मवेशी गोहाल घर में ही बंधा हुआ छोड़ दिया गया है. धान के गांज को भींगने से बचाने में किसान लगे हुए हैं. धान कटनी व मिसनी प्रभावित है. कांग्रेस के प्रदेश सचिव रोशन बरवा ने प्रशासन से अलाव की व्यवस्था करने की मांग की है.

एक समय था, जब बारिश नहीं होने से किसान परेशान थे. अब जब किसी प्रकार धान रोपनी कर फसल तैयार हुई, तो बारिश होने से परेशान है. क्योंकि तैयार फसल बर्बाद होने के कगार पर है.

मधु यादव (किसान, निनई गांव)

बूंदाबांदी बारिश ने ठंड बढ़ा दी है. चौक-चौराहों पर अलाव की व्यवस्था के लिए कर्मियों को निर्देश दे दिया गया है. सभी जगह पर अलाव की व्यवस्था शीघ्र कर दी जा रही है.

दिनेश कुमार (बीडीओ, घाघरा प्रखंड)

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