Gumla में बोले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद : समाज पर अपने विचार थोपना गलत

President in Jharkhand : समाज में कभी-कभी इस प्रकार की विकृतियां पैदा होती हैं कि जबरदस्ती अपने विचार को थोपने की बात सामने आती है. अपनी बात को गलत समझते हुए भी यह कहना कि यही सही है और अपनी ही बात को सही मानना उचित नहीं है.

By Mithilesh Jha | February 29, 2020 6:15 PM
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बिशुनपुर (गुमला) : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि समाज पर जबरदस्ती अपने विचारों को थोपना एक प्रकार की विकृति है, जबकि भ्रातृत्व भाव पूरे देश को एक सूत्र में जोड़ता है. राष्ट्रपति कोविंद गुमला के बिशुनपुर गांव में यहां पद्मश्री से सम्मानित अशोक भगत की संस्था विकास भारती में शनिवार को आदिवासी समुदाय के लोगों को संबोधित कर रहे थे.

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा, ‘समाज में कभी-कभी इस प्रकार की विकृतियां पैदा होती हैं कि जबरदस्ती अपने विचार को थोपने की बात सामने आती है. अपनी बात को गलत समझते हुए भी यह कहना कि यही सही है और अपनी ही बात को सही मानना उचित नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘गांधी जी कहा करते थे कि यदि आपको मेरी बात सही लगती है, तो उस बात को अपना लीजिए और फिर यह कहिए कि यह मैंने कही है, यह मत कहिए कि यह गांधी जी ने कहा है, क्योंकि वह बात आपकी हो गयी. वह आपके आचरण में आ गया. यदि इस प्रकार हमारा समाज आगे बढ़ेगा, तो ही उचित होगा.’

उन्होंने कहा, ‘भ्रातृत्व भाव ही पूरे देश को जोड़ता है.’ उन्होंने कहा, ‘मनुष्य होने के नाते हमें यह प्रयास करना चाहिए कि इंसान में कोई अंतर न किया जाये. आचरण में अंतर नहीं आना चाहिए.’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘मुझे खुशी इस बात की है कि मैं आप सबके बीच आया हूं. मैं आदिवासी समुदाय के लोगों से व्यक्तिगत तौर पर मिलना चाहता हूं. मैं ठेठ आदिवासी समुदाय के लोगों से मिल रहा हूं.’

उन्होंने कहा कि देश बदल रहा है और हम सबको भी बदलना है. कोविंद ने कहा, ‘जब देश बदलता है तो संसाधनों की आवश्यकता होती है. हमारे पास संसाधन उतने नहीं हैं. जनसंख्या बढ़ती जा रही है.’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘शिक्षा का संसाधन हम अपने बच्चों को दे सकते हैं. आप अपने बच्चों को अवश्य पढ़ाइये और उनको अच्छा आचरण दीजिए.’

इससे पूर्व विकास भारती के सचिव अशोक भगत ने राष्ट्रपति का स्वागत किया और उन्हें समाज में प्रेरणा और ऊर्जा का स्रोत बताया. कार्यक्रम में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी उपस्थित थे.

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