गुमला में अंधविश्वास ने एक बच्ची की ली जान, सांप काटने पर इलाज की जगह कराया झाड़-फूंक
गुमला में अंधविश्वास की चक्कर में एक बच्ची की मौत हो गयी. सांप काटने पर परिजन इलाज कराने की जगह झाड़-फूंक कराते रहे. तबीयत अधिक खराब होने पर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इससे पहले ही बच्ची की मौत हो गयी. जिले में अब भी अंधविश्वास के चक्कर में ग्रामीण फंसे हैं.
Jharkhand News: गुमला जिले में अंधविश्वास के चक्कर में एक लड़की को अपनी जान गंवानी पड़ी. सांप काटने के बाद परिजन लड़की का अस्पताल में इलाज कराने की बजाए झाड़-फूंक कराते रहे. जिससे लड़की की स्थिति नाजुक हो गयी. अंतिम समय में उसे अस्पताल लाया गया. जहां डॉक्टर ने इलाज के बाद लड़की को मृत घोषित कर दिया. मामला घाघरा थाना क्षेत्र के हुटार गांव की है. डॉक्टरों ने भी झाड़-फूंक की जगह इलाज कराने की बात लोगों से की. कहा कि सांप काटने का इलाज संभव है.
क्या है मामला
गांव की 12 वर्षीय सुकृति कुमारी की सांप काटने से मौत हो गयी है. मृतका के पिता बलदेव उरांव ने बताया कि गुरुवार की रात को सभी खाना खाकर सोने चले गये. सभी जमीन पर ही बिस्तर लगा कर हमेशा सोते हैं. लगभग 10 बजे रात में सुकृति अचानक उठी और कहा कि मुझे कुछ काट दिया है. पैर में दर्द हो रहा है. हालांकि, किस सांप ने युवती को काटा स्पष्ट नहीं हो सका है. क्योंकि किसी ने सांप को नहीं देखा. जिसके बाद घरवाले रात भर युवती को झाड़-फूंक कराया. सुधार नहीं होने के बाद शुक्रवार की सुबह 108 एंबुलेंस की मदद से घाघरा स्थित सीएचसी में भरती कराया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
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सांप काटने पर झाड़-फूंक की जगह इलाज कराएं लोग
मालूम हो कि ग्रामीण क्षेत्र के लोग झाड़-फूंक पर अधिक विश्वास करते हैं. अगर सुकृति को रात में ही अस्पताल लाया जाता, तो शायद उसकी जान बच सकती थी. पर, जागरूकता एवं अंधविश्वास की जकड़ में सुकृति की जान चली गयी. इस संबंध में डॉक्टर ने कहा कि जब भी किसी को सांप काटे, उसे तुरंत अस्पताल लाये. सांप काटने का इलाज संभव है. इसलिए झाड़-फूंक के चक्कर में लोग ना पड़े.
रिपोर्ट : दुर्जय पासवान, गुमला.