चतरा में मनरेगा सोशल ऑडिट के नाम पर हुई खानापूर्ति, जानें पूरा मामला
मनरेगा के तहत किये गये सोशल ऑडिट में सिर्फ 5000 रुपये जुर्माना लगाकर खानापूर्ति की गयी. यह बात शनिवार को जिला स्तरीय जनसुनवाई के दौरान सामने आयी.
मनरेगा के तहत किये गये सोशल ऑडिट में सिर्फ 5000 रुपये जुर्माना लगाकर खानापूर्ति की गयी. यह बात शनिवार को जिला स्तरीय जनसुनवाई के दौरान सामने आयी. वर्ष 2018-19 का मनरेगा के तहत किये गये कार्यों की सोशल ऑडिट किया गया. जिला स्तरीय जन सुनवाई के पूर्व पंचायत व प्रखंड स्तर पर किये गये सोशल ऑडिट के दौरान मुखिया, रोजगार सेवक पर 500-500 रुपये का जुर्माना लगाकर मामले का निष्पादन किया गया था.
जो मामला पंचायत व प्रखंड स्तर पर नहीं सलटा, उसे जिला स्तरीय जनसुनवाई में लाया गया. सुनवाई के दौरान 500-500 रुपये जुर्माना लगाये जाने पर उपायुक्त अंजली यादव ने नाराजगी व्यक्त की. साथ ही कहा कि सिर्फ जुर्माना लगाना ही सोशल ऑडिट का मतलब नहीं, कार्रवाई होनी चाहिए. सुनवाई के दौरान सोशल ऑडिट टीम ने आरोप का साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया.
टीम से आरोप का आधार पूछे जाने पर बताया गया कि लाभुक व मजदूरों के द्वारा दिये गये लिखित शिकायत की जानकारी दी. इसपर उपायुक्त ने कई लाभुकों को बुलाकर पूछा, तो लाभुकों ने आरोप लगाने की बात से इनकार कर दिया, जिससे ऑडिट टीम को उपायुक्त ने पूरे साक्ष्य व सबूत के साथ मामले को लाने का निर्देश दिया. कई ऐसे मामले थे, जो साक्ष्य प्रस्तुत किया जाता तो आरोपियों पर भारी भरकम जुर्माना व कार्रवाई की जाती.
लेकिन टीम को पुख्ता सबूत पेश नहीं करने के कारण किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गयी. दूसरी ओर कई मुखिया, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक, जेइ ने सोशल ऑडिट टीम पर भयादोहन करने का आरोप लगाया. इस तरह सोशल ऑडिट के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गयी है.