Jharkhand News: गुमला के कार्तिक उरांव कॉलेज में बंद हो सकती है इंटरमीडिएट की पढ़ाई, छात्रों की बढ़ी चिंता
जैक से नहीं मिलने से गुमला के कार्तिक उरांव कॉलेज में इंटर की पढ़ाई बंद हो सकती है. इससे क्षेत्र के हजारों छात्रों के समक्ष बड़ी समस्या उत्पन्न हो जाएगी. कॉलेज प्रबंधन के फंड के अभाव में इंटरमीडिएट में एडमिशन को लेकर अपने हाथ खड़े कर दिए हैं.
Jharkhand News: कार्तिक उरांव कॉलेज, गुमला (KO College, Gumla) में इंटर की पढ़ाई बंद हो सकती है. यह गुमला जिला के छात्रों के लिए बुरी खबर है. गुमला आदिवासी क्षेत्र है. गरीब जिला भी है. ऐसे में अगर इंटर की पढ़ाई बंद हुई, तो हजारों छात्रों की भी पढ़ाई बंद हो जायेगी. छात्रों का भविष्य भी बर्बाद हो जायेगा. बताया जा रहा है कि फंड के अभाव में कॉलेज प्रबंधन ने नये सत्र 2022-24 के लिए इंटरमीडिएट में नामांकन के लिए हाथ खड़े कर दिए हैं. कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय में नामांकन लेने को कॉलेज तैयार नहीं है.
नये सत्र में इंटर में एडमिशन लेने पर संशय
कॉलेज के शिक्षकों के अनुसार, इंटरमीडिएट तीनों फैकल्टी के कक्षा संचालन में हर साल करीब 42 लाख रुपये का खर्च होता है, जबकि राजस्व मात्र 19 लाख रुपये प्राप्त होता है. इंटरमीडिएट कक्षा जैक से संचालित होता है और इसके लिए जैक से कोई फंड नहीं मिलता है. विद्यार्थियों के शुल्क पर इंटरमीडिएट का संचालन करना है और जैक द्वारा निर्धारित शुल्क के अनुसार कॉलेज को 50 प्रतिशत राशि कम पड़ रहा है. प्रबंधन के बीच समन्वय स्थापित करने के बाद नये सत्र में इंटरमीडिएट का नामांकन लेने में असमर्थता जताते हुए जैक को पत्र लिखा गया है. प्राचार्य प्रो एजे खलखो ने कहा है कि जैक को इस संबंध में पत्र लिखा गया है.
कॉलेज में इंटर की पढ़ाई बंद ना हो, इसके लिए पहल होनी चाहिए
इधर, छात्र नेता देवेंद्र लाल उरांव ने कहा कि कॉलेज में इंटर की पढ़ाई बंद होने से गरीब छात्रों को संकट होगा. ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे कॉलेज पर निर्भर हैं. अगर इंटर की पढ़ाई बंद हुई, तो आंदोलन शुरू करने के लिए छात्र बाध्य होंगे. कहा कि गुमला के केओ कॉलेज से इंटर की पढ़ाई कर कई छात्र निकले हैं, जो आज राज्य एवं देश में अच्छे ओहदे पर काम कर रहे हैं. कॉलेज में इंटर की पढ़ाई बंद न हो. इसके लिए पहल होनी चाहिए.
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राज्य सरकार करे मदद
वहीं, भाजपा के जिला महामंत्री मिशिर कुजूर ने कहा है कि कॉलेज में इंटर की पढ़ाई बंद न हो. इसके लिए राज्य सरकार को कॉलेज की मदद करनी चाहिए. कॉलेज में गरीब एवं मध्यम वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं. ऐसे में कॉलेज में इंटर की पढ़ाई बंद करने से छात्रों का भविष्य बर्बाद हो जायेगा. क्योंकि मैट्रिक परीक्षा के बाद हजारों छात्र आगे की पढ़ाई नहीं कर सकेंगे.
रिपोर्ट : दुर्जय पासवान, गुमला.