IRCTC/Indian Railway : 40 घंटे से लातेहार के टोरी रेलवे ट्रैक पर डटे हैं टानाभगत, आवागमन पूरी तरह ठप
चंदवा (सुमित कुमार) : लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड में अखिल भारतीय राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानी नीति टानाभगत समुदाय द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर टोरी लेवल क्रॉसिंग पर रेल मालगाड़ी रोको कार्यक्रम आज शुक्रवार को तीसरे दिन भी जारी है. करीब 40 घंटे से रेलवे ट्रैक पर सैकड़ों टानाभगत समुदाय के पुरुष-महिला ट्रैक पर बैठे हैं. इन 40 घंटों में अब तक एक भी ट्रेन इस रेल पथ से नहीं गुजरी है.
चंदवा (सुमित कुमार) : लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड में अखिल भारतीय राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानी नीति टानाभगत समुदाय द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर टोरी लेवल क्रॉसिंग पर रेल मालगाड़ी रोको कार्यक्रम आज शुक्रवार को तीसरे दिन भी जारी है. करीब 40 घंटे से रेलवे ट्रैक पर सैकड़ों टानाभगत समुदाय के पुरुष-महिला ट्रैक पर बैठे हैं. इन 40 घंटों में अब तक एक भी ट्रेन इस रेल पथ से नहीं गुजरी है.
आपको बता दें कि प्रशासन की पूरी मुस्तैदी के बावजूद टानाभगत समुदाय के लोग बुधवार की शाम सवा पांच बजे से रेलवे ट्रैक तक पहुंच गये थे. दो रात टानाभगत समुदाय के लोगों ने रेलवे ट्रैक पर बितायी है. गुरुवार की शाम लातेहार के विधायक बैद्यनाथ राम, उपायुक्त जीशान कमर एवं पुलिस अधीक्षक प्रशांत आनंद मौके पर पहुंचे और टानाभगत समुदाय के लोगों से वार्ता करने का प्रयास किया.
Also Read: टोरी में ट्रैक जाम, कई ट्रेनों के रूट बदले, रामेश्वर उरांव ने प्रदर्शनकारियों से की बात
उपायुक्त ने कहा कि टानाभगत समुदाय का भारतीय इतिहास में बहुमूल्य योगदान है. वे कभी भी इन्हें तकलीफ देने की मंशा नहीं रखते हैं. आपका एक प्रतिनिधिमंडल साथ चले, सरकार से वार्ता के लिए मैं खुद पहल करूंगा. विधायक वैद्यनाथ राम ने कहा कि वे सरकार के दूत बनकर उनके पास पहुंचे हैं. उनकी बातों को वे सरकार तक पहुंचाएंगे. भीड़ से आई आवाज पर विधायक ने कहा कि खनिज है, तो जमीन से निकलेगा ही. अपनी राजनीति के लिए भोले-भाले टानाभगत समुदाय के लोगों को ना भरमाएं.
Also Read: चिंताजनक : झारखंड में बिहार से ढाई गुने से भी अधिक लोगों ने की खुदकुशी, 1646 ने दे दी जान
पुलिस कप्तान प्रशांत आनंद ने कहा कि वह पढ़ाई के दौरान टानाभगत का इतिहास पढ़े थे. आपके आंदोलन को दबाना या किसी को नुकसान पहुंचाना कभी हमारा लक्ष्य नहीं रहा था. इनके अलावा अन्य अधिकारियों व स्थानीय लोगों ने भी टानाभगत समुदाय के लोगों को समझाने व साथ रांची ले चलने की काफी कोशिश की. बावजूद वे नहीं माने.
टानाभगतों ने कहा कि जो उनकी मांगों को पूरा करने के लिए सक्षम अधिकारी या नेता है, वे ही हमारे पास आवें. अन्यथा खुद का समय खराब नहीं करें. अपनी मांगों को पूरी कर राज्यपाल के हस्ताक्षर युक्त प्रति की मांग कर रहे थे. इससे पूर्व गुरुवार के पूरे दिन जिला प्रशासन के तमाम अधिकारियों की टीम टाना भगत समुदाय के लोगों को हरसंभव समझाने का यत्न कर रहे थे. खबर लिखे जाने तक भी टाना भगत रेलवे ट्रैक पर बैठे हैं. आंदोलन जारी है.
Posted By : Guru Swarup Mishra