जलमीलार है खराब, कुएं से पानी भरने के दौरान फिसलकर गिरने से 7 साल के बच्चे की मौत, मुआवजे की मांग
मुखिया वीणा कुमारी द्वारा गुमला थाना की पुलिस को सूचना देने पर पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिये गुमला सदर अस्पताल भेज दिया. मृतक गांव के ही आरसी प्राथमिक विद्यालय कोटेंगसेरा में पहली कक्षा का छात्र था.
गुमला थाना की मुरकुंडा पंचायत निवासी लक्ष्मण उरांव के पुत्र सूर्य उरांव (7 वर्ष) की कुएं में डूबने से मौत हो गयी. गांव की सोलर जलमीनार खराब है. इसलिए सूर्य कुआं में पानी भरने गया था क्योंकि उसके घर में कुएं से पानी भरने के लिए कोई नहीं है. बूढ़ा दादा हैं. वह भी लाचार हैं. सूर्य के माता-पिता गरीबी के कारण दूसरे राज्य पलायन कर गये हैं. घटना शुक्रवार की शाम की है.
पहली क्लास का छात्रा था सूर्य कुमार
शनिवार की सुबह मुखिया वीणा कुमारी द्वारा गुमला थाना की पुलिस को सूचना देने पर पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिये गुमला सदर अस्पताल भेज दिया. मृतक गांव के ही आरसी प्राथमिक विद्यालय कोटेंगसेरा का पहली कक्षा का छात्र था. जानकारी के अनुसार शुक्रवार की देर शाम सूर्य उरांव कुएं से पानी भरने गया हुआ था. उस दौरान वह कुएं में गिर गया. जिससे उसकी मौत हो गयी. इस संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि सूर्य उरांव शाम से ही लापता था. उसकी काफी खोजबीन किया गया. पर कुछ पता नहीं चल पाया. जब शनिवार की सुबह लोग कुआं में पानी भरने गये. तब शव देखा और पुलिस को जानकारी दी. ग्रामीणों ने मृतक के परिवार के लिये जिला प्रशासन से मुआवजे की मांग की है.
त्रिपुरा में काम करने गए माता-पिता
ग्रामीणों ने कहा कि लक्ष्मण उरांव के घर की स्थित काफी दयनीय है. इस कारण वह अपनी पत्नी पुटो देवी के साथ तीन माह पूर्व काम की तलाश में त्रिपुरा चला गया था. जिसके बाद सूर्य उरांव व उसकी बहन की देखरेख उसका दादा करता था. इधर, घटना की जानकारी ग्रामीणों द्वारा लक्ष्मण उरांव को फोन पर दिया गया है. जिसके बाद लक्ष्मण उरांव अपनी पत्नी के साथ त्रिपुरा से गुमला के लिए रवाना हुआ है. परंतु, उसे गुमला आने में दो से तीन दिन का समय लगेगा. जिस कारण वह अपने बेटे के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंच पायेगा.
पीएचईडी विभाग दोषी है : मुखिया
पंचायत की मुखिया वीणा देवी ने कहा कि पीएचईडी विभाग की लापरवाही के कारण बच्चे की जान गयी है. कोटेंगसेरा करंजटोली में नल जल योजना के तहत जो पानी टंकी लगी है. वह एक वर्ष से खराब है. जिससे एक बूंद भी पानी नहीं आता है. विभाग को कई बार आवेदन देकर पानी टंकी की मरम्मत करने की मांग की गयी थी, परंतु विभाग द्वारा कोई पहल नहीं की गयी. आज पानी टंकी सही रहती तो, शायद वह बच्चा पानी भरने के लिये कुआं पर नहीं जाता और उसकी जान नहीं जाती. घर की गरीबी को देखते हुए मदद करें. साथ ही गांव की खराब जलमीनार की भी मरम्मत करें.