अंधविश्वास: गुमला की युवती ने खेत जोता, तो ग्रामीणों ने लगाया जुर्माना, जानें इसके पीछे की क्या है दलील
गुमला जिले के गांवों में आज भी शिक्षा के अभाव में अंधविश्वास कायम है. परंपरागत खेती की जगह ट्रैक्टर से खेत की जुताई करना भी अपशकुन माना जाता है. मामला सिसई प्रखंड की शिवनाथपुर पंचायत के डहूटोली गांव का है.
गुमला : गुमला के कई गांवों में आज भी जागरूकता की बेहद कमी है. इसके अभाव में ही अंधविश्वास के कारण कई ऐसी घटना घटती है तो लोगों को झकजोर कर देती है. ताजा मामला गुमला जिला में सिसई प्रखंड के डहूटोली गांव का है. जहां एक युवती को ट्रैक्टर से खेत जोतने पर जुर्माना लगा दिया. इसके पीछे ग्रामीणों की दलील ये है कि इससे गांव में आकाल और महामारी फैल सकती है. बता दें कि मंगलवार को मंजू उरांव (22) जब ट्रैक्टर से खेत की जुताई करने लगी तो ग्रामीणों ने उसे रोक दिया.
पंचायती में दोबारा ट्रैक्टर से हल नहीं चलाने की हिदायत देते हुए मंजू को माफी मांगने व जुर्माना देने को कहा गया है. यहां तक कि पंचायत का फरमान नहीं मानने पर मंजू का सामाजिक बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया. केओ कॉलेज, गुमला में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा मंजू उरांव एक सफल किसान भी है.
वह परिवार की छह एकड़ जमीन के अलावा ग्रामीणों से 10 एकड़ जमीन लीज पर लेकर धान, मकई, टमाटर, आलू की खेती दो वर्षों से करती आ रही है. खेती से हुई आमदनी से उसने इस बार पुराना ट्रैक्टर खरीदा है. इसी ट्रैक्टर से वह जब खेत की जुताई करने लगी तो ग्रामीणों ने इसे अपशकुन बता कर रोक दिया. इसके बाद जुर्माना लगाया गया. फरमान नहीं मानने पर सामाजिक बहिष्कार की बात कही.
लड़की सबकुछ कर सकती है, तो खेती क्यों नहीं
मंजू उरांव केओ कॉलेज गुमला में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा है. वह लड़की द्वारा खेत नहीं जोतने की बात को अंधविश्वास मानती है. वह कहती है कि लड़की जब आसमान छू सकती है, तो फिर खेती क्यों नहीं कर सकती. इसलिए मंजू ने पंचायत का फरमान मानने से इंकार कर दिया. मंजू ने बताया कि उसे खेती में काफी रुचि है. केसीसी ऋण के लिए उसके पिता और उसने आवेदन किया था, परंतु ऋण नहीं मिला. खेतों में कहीं भी सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था नहीं है.
Posted By: Sameer Oraon