Jharkhand Chunav|गुमला, दुर्जय पासवान : आजादी के 77 साल बाद भी सड़कें नहीं बनने से घाघरा प्रखंड के बिमरला व दीरगांव पंचायत के 20 गांवों के करीब 15 हजार ग्रामीणों में आक्रोश है. इन गांवों के लोगों ने इस बार विधानसभा चुनाव में वोट नहीं देने का निर्णय लिया है.
ग्रामीणों ने जनसभा कर जारी किया फरमान
शनिवार को दोनों पंचायत के ग्रामीणों ने जनसभा की और फरमान जारी किया है कि अगर विधानसभा चुनाव में गांव का कोई भी व्यक्ति किसी राजनीति पार्टी का बूथ एजेंट बनेगा, तो उसके परिवार का बहिष्कार करते हुए दाना पानी बंद किया जायेगा. पंचायती कर सजा भी दी जायेगी. वहीं, अगर कोई ग्रामीण भी वोट देने जायेगा तो उसे भी सजा दी जायेगी.
हर बार सांसद-विधायक देते हैं आश्वासन, नहीं होता काम
ग्रामीणों ने कहा कि हर चुनाव में बिमरला व दीरगांव पंचायत की सड़कें बनाने की मांग की जाती है. परंतु, हर समय विधायक व सांसद वादा करते हैं. परंतु, सड़कें नहीं बनतीं. लोकसभा चुनाव में भी प्रशासन ने आश्वासन दिया था. पर सड़कें अब तक नहीं बनी. इसलिए इस बार के झारखंड विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने व वोट नहीं डालने का निर्णय सभी 20 गांवों के ग्रामीणों ने लिया है.
ग्रामीण बोले- संकट में जी रहे हैं हम
ग्रामीण बुद्धिमान खड़िया ने कहा है कि हमलोग यहां संकट में जी रहे हैं. सड़कें नहीं होने से गर्भवती व बीमार लोगों को अस्पताल ले जाने में परेशानी होती है. गांव में अस्पताल भवन है. पर न डॉक्टर हैं और न नर्स. इलाज के लिए 30 किमी दूर प्रखंड मुख्यालय घाघरा जाना पड़ता है. स्कूल की छत भी टूटकर गिर रही है. प्रशासन व नेताओं से फरियाद लगा कर लोग थक गये हैं. अब गांव के प्रवेश द्वार पर नेताओं के लिए नो इंट्री की बैरिकेडिंग लगायी जायेगी.
इन गांवों में किया गया विरोध
दीरगांव व बिमरला पंचायत में 15 हजार आबादी है. यह पूरा इलाका घनी आबादीवाला क्षेत्र है. परंतु, सड़कें नहीं होने से गांवों का विकास ठप है. दो पंचायतों में दीरगांव, सलामी, तुसगांव, हेदमी, तेंदार, केदली, सराईडीह, काड़ासिल्ली, बिमरला, जोकारी, गुटवा, बियार, बरटोली, खुखराडीह, सेमला, रूकीघाट, घाघरापाठ, इंजनी, जमगई गांव शामिल है.
बिमरला व दीरगांव पंचायत की जो भी समस्याएं हैं, उन समस्याओं से उपायुक्त को अवगत कराया गया है. अभी चुनाव को लेकर आचार संहिता है. जैसे ही चुनाव खत्म होता है. प्राथमिकता के तौर पर इस क्षेत्र का विकास होगा. सड़कें बनेगी. लोग वोट बहिष्कार न करें.
दिनेश कुमार, बीडीओ घाघरा
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