Jharkhand Crime News, Gumla News, गुमला न्यूज (दुर्जय पासवान) : गुमला जिला अंतर्गत घाघरा थाना के घुंगरू पाठ गांव निवासी मजदूर नेता खादी उरांव की हत्या के विरोध में गुस्साये परिजन और ग्रामीणों ने शुक्रवार को कथित आरोपी रामचंद्र उरांव की पीट- पीटकर मार डाला. साथ ही उसके घर को भी उजाड़ दिया. हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि कथित आरोपी रामचंद्र को पकड़कर रखे थे और पुलिस को गांव बुलाया था. लेकिन, नक्सलियों के डर से पुलिस गांव नहीं आयी. सिर्फ खानापूर्ति के लिए चौकीदार को भेजा गया. घायल रामचंद्र को चौकीदार उठाकर ले गया, जिसके बाद बिमरला पुलिस पिकेट में रामचंद्र की मौत हुई है. जबकि गुमला पुलिस का कहना है कि मृतक खादी के परिवार के लोग रामचंद्र की पिटाई कर रहे थे. तभी चौकीदार वहां पहुंचकर रामचंद्र को भीड़ से बचाया. परंतु गांव से पुलिस पिकेट लाने के दौरान रामचंद्र की मौत हो गयी.
मजदूर नेता खादी की हत्या के बाद रामचंद्र की मौत के बाद बिमरला माइंस में काम बंद कर दिया गया है. 2 लोगों की मौत से बिमरला इलाके में दहशत है. डर से शुक्रवार को मजदूर माइंस में काम करने नहीं गये और माइंस बंद रहा.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, भाकपा माओवादी का कमांडर रवींद्र गंझू अपने दस्ते के साथ बिमरला इलाके में घूम रहा है. इसलिए जब दो लोगों की हत्या बिमरला इलाके में हो गयी, तो घाघरा पुलिस गांव नहीं गयी. नक्सलियों द्वारा पुलिस को ट्रेप करने की योजना थी. इसलिए पुलिस खादी के बाद रामचंद्र के शव को चौकीदार के माध्यम से गुमला लेकर आयी.
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बता देें कि बिमरला घोर उग्रवाद प्रभावित इलाका है. जंगल और पहाड़ है. रास्ता भी ठीक नहीं है. इस क्षेत्र में दो दिनों से भाकपा माओवादी के नक्सली कमांडर रवींद्र गंझू अपने दस्ते के साथ घूम रहा है. इसलिए दो लोगों की हत्या के बाद भी घाघरा पुलिस बिमरला इलाके में नहीं घुसी. चूंकि इस क्षेत्र की भौगोलिक बनावट का फायदा उठाकर नक्सली पुलिस पर हमला कर बड़ी नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसलिए जब खादी उरांव के बाद रामचंद्र उरांव की हत्या हुई, तो पुलिस बल गांव न घुसकर गांव के ही चौकीदार के माध्यम से दोनों शवों को बरामद की है.
खादी का शव का गुरुवार व रामचंद्र के शव का शुक्रवार को गुमला अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया. साथ ही चौकीदार के माध्यम से शव को गांव भेजने की व्यवस्था की गयी है. हालांकि, पुलिस बिमरला में घुसने की तैयारी कर रही है. संभावत: पुलिस 20 मार्च को गांव में घुस सकती है.
रैयत मजदूर नेता खादी उरांव रैयतों का एग्रीमेंट हिंडालको के साथ कराता था, ताकि रैयतों को कोई ठग ना सके और ना ही कोई गुमराह कर सके. खादी की हत्या एक बड़ी साजिश हो सकती है. जिस समय हत्या हुई है. उसके पूर्व सभी माइंस सुचारू रूप से चल रहे थे. वहां के होटल खुली हुई थी. हत्या के तुरंत बाद से माइंस भी बंद कर दिया गया और सभी होटल बंद कर दिये गये. हत्या के दो दिन बीत जाने के बाद शुक्रवार को माइंस में खनन से लेकर परिवहन पूरी तरह से बंद रहे. माइंस कर्मी से संपर्क साधने का प्रयास किया गया, लेकिन बातचीत करने से इंकार कर दिया.
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दो हत्या के बाद से ग्रामीणों में पुलिस के प्रति आक्रोश है. ग्रामीणों का कहना है कि खदी की हत्या के बाद भी पुलिस नहीं आयी. वहीं हत्या के कथित आरोपी रामचंद्र को गिरफ्तारी के लिए भी पुलिस को सूचना दिया गया. उसके बाद भी नहीं आयी. अब रामचंद्र की भी मौत हो गयी है. ऐसे में पुलिस की भूमिका से पूरे गांव के लोग नाराज हैं. इसलिए अब पुलिस से हम लोग किसी भी तरह का सहयोग न लेंगे न देंगे.
रामचंद्र उरांव का शव पोस्टमार्टम के लिए पहुंचने पर तीन चिकित्सीय दल ने पोस्टमार्टम किया. जिसमें डॉ सुचान मुंडा, डॉ अलंकार उरांव और डॉ सुनील किस्कू हैं. वहीं, मजिस्ट्रेट में महेंद्र रविदास थे. जिनके नेतृत्व में शव का वीडियोग्राफी कराते हुए पोस्टमार्टम कराया गया.
इस संबंध में गुमला एसपी एचपी जनार्दनन ने कहा कि मजदूर नेता खादी उरांव की हत्या के बाद गुस्सा में परिवार के लोगों ने रामचंद्र की पिटाई की है. जिससे रामचंद्र की मौत हो गयी. दोनों हत्या की पुलिस जांच कर रही है.
Posted By : Samir Ranjan.