बेरहम समाज के सामने बेबस बेटियां : गुमला में दुष्कर्म पीड़िता और परिवार को गांव छोड़ने का फरमान, मिली ये धमकी
गुमला में दुष्कर्म पीड़िता व उसका पूरा परिवार डरा हुआ है. पीड़िता का कहना है कि हमलोग चार दिनों से भय में जी रहे हैं. डर से हम पुलिस के पास नहीं जा रहे हैं.
गुमला के पालकोट प्रखंड स्थित एक गांव में दुष्कर्म पीड़िता और उसके परिवार को गांव छोड़ने का फरमान जारी किया गया है. साथ ही धमकी दी गयी है कि स्वेच्छा से गांव नहीं छोड़ा, तो गांव से खदेड़ा जायेगा. उधर, दुष्कर्म के आरोपी ने धमकी दी है कि जेल से छूटने के बाद वह पूरे परिवार को देख लेगा.
इससे पीड़िता व उसका पूरा परिवार डरा हुआ है. पीड़िता का कहना है कि हमलोग चार दिनों से भय में जी रहे हैं. डर से हम पुलिस के पास नहीं जा रहे हैं. हालांकि, गांव छोड़ने के फरमान की सूचना कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन को दी गयी है.
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क्या है मामला :
गांव के ही 55 वर्षीय लक्ष्मीनाथ चीक बड़ाइक ने 11वीं की छात्रा से पांच माह पहले दुष्कर्म किया था. इससे छात्रा गर्भवती हो गयी. छात्रा ने पांच दिन पहले इसकी जानकारी कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन की पोक्सो सपोर्ट पर्सन जया सेन गुप्ता की दी. जया सेन गुप्ता अपने टीम के साथ गांव पहुंचीं और पूरे मामले की जांच की. मामला सही मिलने के बाद पीड़िता को लेकर पालकोट थाना पहुंचीं, जहां छात्रा के बयान पर आरोपी लक्ष्मीनाथ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी. पुलिस ने शुक्रवार को उसे गिरफ्तार किया.
मुखिया ने कहा :
मुखिया पूनम एक्का ने कहा कि ऐसा मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है. हां, दो दिन पूर्व गांव में पंचायत स्तर पर बैठक हुई थी. लाभुक समिति का गठन करते हुए अध्यक्ष, सचिव व निगरानी समिति का गठन किया गया है. पीड़ित परिवार को गांव छोड़ने के फरमान के संबंध में मुझे जानकारी नहीं है. मुखिया ने कहा : जो होना था, सो हो गया. जिसने गलती की है, वह जेल चला गया.