Jharkhand Crime News (दुर्जय पासवान, गुमला) : गुमला शहर के गोकुल नगर में चार दिन पहले बाल मजदूर मुक्ति संस्थान के निदेशक मिथिलेश कुमार साहू (35 वर्ष) की हत्या दिनदहाड़े गोली मारकर व गला रेतकर हत्या कर दी गयी थी. गुमला पुलिस ने मिथिलेश की हत्या की साजिश रचने के आरोप में दो आरोपी डुमरी थाना के जैरागी निवासी प्रवीण कुमार व शुभम साहू को गिरफ्तार कर शुक्रवार को जेल भेज दिया. प्रवीण व शुभम मृतक रिश्ते में मिथिलेश के चचेरे भाई हैं.
पुलिस को सबूत मिला है कि शुभम साहू ने अपने पिता गणेश साहू की हत्या का बदला लेने के लिए मिथिलेश साहू की हत्या करा दी. पुलिस के अनुसार, शुभम ने सुपारी किलर अपराधियों को पैसा देकर मिथिलेश की हत्या करायी है. मिथिलेश की हत्या होने वाली थी, इसकी जानकारी शुभम के चचेरे भाई प्रवीण कुमार को थी. इसलिए पुलिस ने शुभम के साथ प्रवीण को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
इस संबंध में थाना प्रभारी मनोज कुमार ने कहा है कि मिथिलेश साहू की हत्या की पुलिस हर पहलुओं पर जांच की. जांच के बाद कुछ सबूत मिले हैं. उस सबूत के आधार पर प्रवीण व शुभम को जेल भेजा गया है. ये दोनों आपस में चचेरे भाई हैं, जबकि मृतक मिथिलेश भी इनका रिश्तेदार है.
Also Read: मानव तस्करी के खिलाफ काम कर रहे मिथिलेश कुमार की हत्या, पहले मारी गोली, फिर रेता गला
कुछ साल पहले जैरागी में शुभम साहू के पिता गणेश साहू की हत्या हुई थी. जिसमें मृतक मिथिलेश साहू के परिवार का नाम आया था. इसलिए शुभम ने अपने पिता गणेश की हत्या का बदला लेने के लिए मिथिलेश की हत्या करा दिया. थाना प्रभारी ने कहा कि हत्या की साजिश रचने पर पकड़े गये हैं. अब हत्या में शामिल लोग भी जल्द पकड़े जायेंगे.
घटना 14 सितंबर की है. सुबह 10 बजे दो बाइक में 5 अपराधी आये थे. गुमला शहर के गोकुल नगर स्थिति NGO के कार्यालय में घुसकर अपराधियों ने पहले मिथिलेश को गोली मारी थी. इसके बाद गला रेतकर हत्या कर दी थी. पुलिस ने अनुसंधान शुरू किया, तो CCTV फुटेज में बाइक दिखा, लेकिन बाइक का नंबर सही से पढ़ा नहीं रहा था. वहीं, अनुसंधान में शुभम व प्रवीण का नाम सामने आया था.
शुक्रवार की दोपहर में प्रवीण कुमार व शुभम साहू का गुमला सदर अस्पताल में कोरोना जांच कराया गया. दोनों का रिपोर्ट निगेटिव आया. इसके बाद देर शाम को दोनों को जेल भेज दिया गया. वहीं, प्रवीण ने खुद को बेकसूर बताया है. उसने कहा कि मिथिलेश की हत्या में उसका कोई हाथ नहीं है. ना ही उसे पता था कि मिथिलेश की हत्या होनेवाली है. घटना के समय वह कहीं और था. मिथिलेश की हत्या के बाद थाना से मुझे फोन आया. पुलिस द्वारा बुलाने के बाद मैं थाना गया, लेकिन मुझे मिथिलेश की हत्या का आरोपी बना दिया गया. इस हत्या से मेरा कोई संबंध नहीं है.
Posted By : Samir Ranjan.