Jharkhand Crime News: गुमला में आदिम जनजाति दंपती की हत्या, नशे में बेटे ने माता-पिता पर किया था वार
गुमला के बिशुनपुर क्षेत्र में नशे में बेटे ने माता-पिता की कुल्हाड़ी से मारकर हत्या कर दिया. हत्या का कारण जंगल से लाये लकड़ी को पिता द्वारा बाजार में बेचे जाना था. नाराज नशे में बेटे ने पहले मां को और फिर पिता की हत्या कर दी. पुलिस ने आरोपी बेटे को गिरफ्तार किया है.
Jharkhand Crime News (बिशुनपुर, गुमला) : गुमला जिला अंतर्गत बिशुनपुर थाना के होलेंग गांव में पुत्र विनोद बृजिया (20 वर्ष) ने पिता सुखराम बृजिया (55 वर्ष) व मां सनियारो देवी (50 वर्ष) की टांगी से काटकर हत्या कर दी. घटना रविवार दोपहार 4 बजे की है. आरोपी पुत्र गांजा का नशा किये हुए थे. नशा में उसने टांगी से मां व पिता को बेरहमी से मारा था.
बताया जा रहा है कि बेटे ने जंगल से लकड़ी काटकर लाया था, जिसे पिता ने बेच दिया. गुस्सा में आरोपी पुत्र ने मां व पिता को मार डाला. पुलिस ने आरोपी पुत्र को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों शवों को कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए गुमला सदर अस्पताल भेज दिया.
जानकारी के अनुसार, तीन दिन पहले विनोद जंगल से तीन भार लकड़ी काटकर लाया था. जिसे वह घर में रखा था, ताकि वह लकड़ी बेचकर गांजा व हड़िया-दारू पी सके. लेकिन, रविवार को पिता सुखराम ने दो भार लकड़ी को बाजार में ले जाकर बेच दिया. जब इसकी जानकारी विनोद को हुई, तो उन्होंने पहले अपनी मां फिर पिता को टांगी से काटा.
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बेटे से बचने के लिए मां झाड़ियों में छिप गयी
टांगी लेकर घूम रहे बेटे से बचने के लिए मां झाड़ियों में छिप गयी. पिता बाजार से लौटते वक्त गड्ढे में जाकर छिप गये. फिर भी बेटे ने दोनों को मार डाला. एसडीपीओ मनीष चंद्र लाल ने बताया कि सनियारो देवी एवं सुखराम बृजिया अपने छोटा बेटा विनोद बृजिया के एक साथ घर में रहते थे. पूरा परिवार जंगल से लकड़ी लाकर बेचने का काम एवं बांस का सूप दौरा बनाने कर बेचने का काम करते थे.
विनोद शुक्रवार को जंगल से तीन भार लकड़ी बेचने के लिए लाकर अपने घर में रखा था. जिसे उसका पिता सुखराम ने बिशुनपुर लाकर दो भार लकड़ी बेच दिया. इधर, रविवार की दोपहर करीब 12.00 बजे विनोद गांजा एवं शराब के नशे में धुत होकर अपना घर पहुंचा, तो देखा कि उसका दो भार लकड़ी घर पर नहीं है, तो वह घर से टांगी निकाल कर अपनी मां सनियारो को टांगी के पिछले हिस्से से मार कर पूछने लगा कि मेरा लकड़ी जिसे मैं जंगल से लेकर आया था. वह क्या हो गया.
उसकी मां ने बतायी कि तुम्हारे पिता लकड़ी को बेचने बिशुनपुर ले गये हैं. जिसके बाद पुनः विनोद ने अपनी मां को मारने लगा, तो वह भागते हुए झाड़ी में घुस गयी. जहां उसकी मौत हो गयी. इधर, विनोद टांगी पकड़ कर अपने पिता को खोजने के लिए बिशुनपुर आ रहा था. तभी वह घर से कुछ दूर पर लकड़ी बेचकर लौटने के दौरान रास्ते में मिल गया, तो विनोद ने अपने पिता सुखराम को मेरा जंगल से लाया हुआ लकड़ी को क्यों बेच दिया बोल कर टांगी से मारकर मौत के घाट उतार दिया.
घटना की जानकारी मिलने के बाद गुमला एसडीपीओ मनीष चंद्र लाल, बिशुनपुर थाना प्रभारी सदानंद सिंह, प्रखंड प्रमुख रामप्रसाद बड़ाईक, स्थानीय मुखिया पति प्रदीप उरांव, एसआई अंकुर कुमार, मनोज कुमार सोरेन, अपने दल बल के साथ घटनास्थल पहुंचे. जहां आरोपी पुत्र को गिरफ्तार कर दोनों शव को कब्जे में ले लिया. घटनास्थल से पुलिस ने टांगी एवं विनोद के पास से गांजा बरामद किया है.
गरीबी में जी रहा था
आर्थिक तंगी खराब होने के कारण सुखराम ने पुत्र का लाया हुआ लकड़ी, जिसकी कीमत महज मार्केट में बेचने से 300 रुपये की थी. बेच डाला, ताकि घर का खर्चा चला सके और अपने पुत्र सहित अपनी पत्नी का पेट भर सके, लेकिन कलयुगी पुत्र ने गुस्से में आकर अपने माता-पिता को पीट-पीटकर हत्या कर दिया. एक बार भी नहीं सोचा कि मेरे माता-पिता द्वारा मेरे लालन-पालन करने के लिए ना जाने अपने जीवन काल में कितनी भार लकड़ी बेची होगी.
Posted By : Samir Ranjan.