भरनो प्रखंड की अताकोरा पंचायत स्थित बटकुरी गांव मॉडल विलेज बन सकता है. क्योंकि इस गांव में सरकार की कई योजनाएं संचालित हैं. परंतु, सभी योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी है. इस कारण सरकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है. ग्रामीणों ने जैसा बताया कि सामुदायिक भवन को अधूरा छोड़ पूरे पैसे की निकासी कर ली गयी है.
अब सामुदायिक भवन गोशाला बन कर रह गयी है. सिंचाई के 200 गुणा 200 फीट का तालाब खोदा जा रहा है. आधा से अधिक काम हो गया. इसमें चार साल लग गये. योजना की लागत 12 लाख, 50 हजार रुपये है. परंतु, लाभुक समिति को मात्र दो लाख, 35 हजार का भुगतान किया गया. बाकी पैसा विभाग व बिचौलिया बंदरबांट करने में लगे हुए हैं. एक लाख रुपये गलत तरीके से बिचौलिया को भुगतान कर दिया गया है. गांव में हर घर में बिजली मीटर लगाने में पैसे की वसूली की गयी है.
परंतु मीटर बेकार पड़े हैं. ग्रामीणों के अनुसार तीन-तीन सौ रुपये लिये गये हैं. महादेव चेंगरी से बटकुरी तक सड़क चलने लायक नहीं है. सड़क टूट गयी है व बोल्डर पत्थर सड़क पर है. इससे बाइक सवार लोगों को परेशानी होती है. गांव में तीन जलमीनार हैं, परंतु बनने के साथ दो जलमीनार बेकार है. एक जलमीनार चालू स्थिति में है. गांव के लोग आजादी के 75 साल बाद भी बदलाव का इंतजार कर रहे हैं. ग्रामीण कहते हैं कि हमारे गांव में 115 परिवार है. यह गांव मॉडल विलेज बन सकता है. परंतु, प्रशासन व बाहरी बिचौलियों के कारण विकास ठप है.
भरनो प्रखंड से 13 किमी दूर बटकुरी गांव नक्सल व अपराध से मुक्त रहा है. इसके बाद भी इस गांव का विकास करने में प्रशासन फेल है. ग्रामीण कहते हैं कि कभी कोई नक्सली संगठन के उग्रवादी गांव में नहीं घुसे व न ही गांव के युवक कभी मुख्यधारा से भटके. इसके बाद भी गांव के विकास के लिए प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है, जो इस क्षेत्र के लिए चिंता की बात है.
-
सामुदायिक भवन को अधूरा छोड़ कर ली गयी पैसे की पूरी निकासी
-
सिंचाई के लिए बन रहा तालाब, चार साल बाद भी अधूरा
-
गांव में बिजली मीटर लगाने में की गयी है पैसे की वसूली
-
महादेव चेंगरी से बटकुरी तक सड़क चलने लायक नहीं
-
तीन जलमीनार हैं, पर बनने के साथ दो हो गयी जलमीनार
-
डैम से खेत तक पानी पहुंचाने के लिए नहर मरम्मत में घोटाला
-
आंगनबाड़ी केंद्र में अधूरा शौचालय बनाकर छोड़ दिया गया
गांव का आंगनबाड़ी केंद्र जर्जर है. शौचालय भवन बना, परंतु पेन नहीं बैठाया गया और शौचालय का पूरा पैसा निकाल लिया गया. इससे केंद्र में आनेवाले बच्चों को बरसात के दिनों में काफी परेशानी होती है.
चंदन उरांव, ग्रामीण युवक
गांव में साढ़े 12 लाख रुपये का तालाब खोदा जा रहा है. इसमें काम करने वाले मजदूरों का अबतक पैसा का भुगतान नहीं हुआ है. लाभुक समिति की जगह किसी बिचौलिया को एक लाख रुपये भुगतान कर दिया गया है.
मंगरा उरांव, ग्राम प्रधान
रिपोर्ट- दुर्जय पासवान