Jharkhand News, Gumla crime News गुमला : पति की मौत हो जाने के बाद विधवा सुमित्रा देवी (80 वर्ष) पर पुत्र व बहू का अत्याचार शुरू हो गया. उन्हें अशुभ माना जाने लगे. इकलौते पुत्र गंदुर साहू व बहू अनिता देवी बार-बार डायन कह प्रताड़ित करने लगे. 10 साल तक सुमित्रा देवी अपनों का जुल्म सहती रही. कई बार उन्हें घर से निकल जाने को कहा गया. घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के लिए उन्हें दोषी ठहराया गया. तानों से पूरी तरह टूट चुकी सुमित्रा देवी ने दो साल पहले घर छोड़ दिया.
इसके बाद घाटो बगीचा स्थित मंदिर में शरण ले ली. दिनभर वह भीख मांग कर पेट भरती थी. रात में मंदिर में सोती थी. बेटा और बहू ने कभी खोज खबर नहीं ली. सुमित्रा कहती है-जब तक पति राधेश्याम साहू जीवित थे. जीवन अच्छा था. पति की 12 वर्ष पूर्व मृत्यु हो गयी. उसके बाद से उस पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा.
12 साल पहले पति की हो गयी थी मौत, इसके बाद वृद्धा पर टूट पड़ा दुखों का पहाड़
सुमित्रा देवी के पास न तो आधार कार्ड और न राशन कार्ड. वृद्धावस्था पेंशन भी नहीं मिलती है. वह अपना घर कोलेबिरा प्रखंड के लचरागढ़ गांव में बताती है. वहीं मायका गुमला के मुरकुंडा गांव में है. मुरकुंडा में सुमित्रा के भाई रहते हैं .
दो वर्ष से महिला मंदिर में रह रही है. एक कोने में पड़ी रहती है. लाचारी को देखते हुए आश्रय दिया. मोहल्ले के लोग उसे खाने-पीने के लिए कुछ दे देते हैं. सुन कर दुख होता है कि अपने ही परिवार के लोगों ने उसे निकाल दिया है. गुमला में पति की मौत हुई तो बेटे और बहु ने मां को घर से निकाला तथा Hindi News से अपडेट के लिए बने रहें।
जगदीश केशरी, घाटो बगीचा निवासी
Posted By : Sameer Oraon