Loading election data...

Jharkhand Divyang News : कोरोना काल में की समाज सेवा, झारखंड के गुमला के निःशक्त हरेंद्र कुमार को मिला सबल शाइनिंग स्टार अवार्ड

Jharkhand Divyang News : गुमला (दुर्जय पासवान) : दोनों पैरों से नि:शक्त मिशन बदलाव के सदस्य हरेंद्र कुमार (35 वर्ष) दिव्यांगता को अभिशाप नहीं मानते, बल्कि वे नि:शक्त होने के बावजूद अपनी अलग पहचान बनाना चाहते हैं. दिव्यांगता को अपनी शक्ति मानते हैं. गुमला निवासी हरेंद्र को सबल शाइनिंग अवार्ड से सम्मानित किया गया. आपको बता दें कि टाटा स्टील फाउंडेशन जमशेदपुर द्वारा देशभर के 306 नि:शक्तों को सम्मानित किया गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2021 12:13 PM

Jharkhand Divyang News : गुमला (दुर्जय पासवान) : दोनों पैरों से नि:शक्त मिशन बदलाव के सदस्य हरेंद्र कुमार (35 वर्ष) दिव्यांगता को अभिशाप नहीं मानते, बल्कि वे नि:शक्त होने के बावजूद अपनी अलग पहचान बनाना चाहते हैं. दिव्यांगता को अपनी शक्ति मानते हैं. गुमला निवासी हरेंद्र को सबल शाइनिंग अवार्ड से सम्मानित किया गया. आपको बता दें कि टाटा स्टील फाउंडेशन जमशेदपुर द्वारा देशभर के 306 नि:शक्तों को सम्मानित किया गया.

गुमला जिला के हरेंद्र कुमार को भी कल जमशेदपुर में सम्मानित किया गया. हरेंद्र को सबल शाइनिंग स्टार अवार्ड से सम्मानित किया गया. उन्हें प्रशस्ति पत्र के अलावा नकद राशि दी गयी. हरेंद्र बचपन से नि:शक्त हैं और ट्राइसाइकिल से कहीं आते-जाते हैं. वे बीकॉम व कंप्यूटर की शिक्षा ग्रहण किये हैं. डाटा इंट्री का काम वे जानते हैं. एनआईसी गुमला में अनुबंध पर काम करते थे, परंतु अभी अनुबंध खत्म हो गया है. बेरोजगारी में वे मिशन बदलाव से जुड़कर समाज सेवा का काम कर रहे हैं.

Also Read: Murder News : झारखंड के गुमला में अपराधियों ने 55 साल की महिला को टांगी से काट डाला, जांच में जुटी पुलिस

कोरोना संक्रमण काल में श्री कुमार ने ट्राईसाइकिल के माध्यम से गुमला शहर के कई मुहल्लों में घूमकर गरीबों के घर तक अनाज पहुंचाया था. मिशन बदलाव की पहल से कई लोगों को उन्होंने मदद भी की थी. कोरोना काल में हरेंद्र कुमार द्वारा किये गये काम को लेकर उनका नाम सबल अवार्ड के लिए भेजा गया था. जिसमें हरेंद्र का चयन हुआ. मिशन बदलाव के संयोजक भूषण भगत ने कहा कि मुझे खुशी होती है कि हमारे युवाओं के इस संगठन में हरेंद्र जैसे युवा साथी जुड़े हुए हैं. नि:शक्त होने के बाद भी उनमें समाज के प्रति काम करने का जज्बा है. जब भी किसी को मदद की जरूरत होती है. वे मदद के लिए तैयार रहते हैं.

Also Read: प्रभात खबर विशेष : झारखंड के गुमला के 3750 किसानों को अनुदान पर मिलेगी ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई मशीन

Posted By : Guru Swarup Mishra

Next Article

Exit mobile version