झारखंड : गुमला के ड्राई जंगल हैं इन दुर्लभ पक्षियों का आशियाना
Jharkhand News, Jharkhand Wildlife News, Rare Birds, Gumla News, Exclusive Pics: यूं तो पक्षियों की कई प्रजातियां हैं, जो प्राय: खुले मैदान, खेत, पेड़, जंगल, घरों की छतों बैठे मिल जाते हैं. कुछ खुले आसमान में कुलांचे भरते हैं. कुछ दुर्लभ प्रजाति के पक्षी भी हैं, जो विरले ही नजर आते हैं. ऐसे ही पक्षियों की कई प्रजातियां झारखंड के उग्रवाद प्रभावित जिला गुमला में भी देखे जा रहे हैं.
Jharkhand Wildlife News, Rare Birds: गुमला (जगरनाथ पासवान) : यूं तो पक्षियों की कई प्रजातियां हैं, जो प्राय: खुले मैदान, खेत, पेड़, जंगल, घरों की छतों बैठे मिल जाते हैं. कुछ खुले आसमान में कुलांचे भरते हैं. कुछ दुर्लभ प्रजाति के पक्षी भी हैं, जो विरले ही नजर आते हैं. ऐसे ही पक्षियों की कई प्रजातियां झारखंड के उग्रवाद प्रभावित जिला गुमला में भी देखे जा रहे हैं.
वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, पूरे भारत में पक्षियों की 1,301 प्रजातियां पायी जाती हैं. इनमें से 42 प्रजातियां ऐसी हैं, जो सिर्फ और सिर्फ भारत में ही पायी जाती है. अन्य प्रजातियों के पक्षी हमारे देश में मेहमान के रूप में आते हैं.
ये मेहमान पक्षी तभी तक यहां रहते हैं, जब तक मौसम उनके अनुकूल होता है. मौसम बदलने के साथ ही प्रवासी पक्षी वापस लौट जाते हैं. सालों भर प्रवासी पक्षियों का आना-जाना लगा रहता है.
Also Read: चारा घोटाला : जेल में बंद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को मिलेगी जमानत? झारखंड हाइकोर्ट कल करेगा फैसला गुमला में मिलने वाले पक्षीगुमला में कबूतर, तोता, मैना, बगुला, कौवा, चील, गिद्ध, चकोर, बुलबुल, कठफोड़वा, मोर, बटेर, श्वेत उल्लू, शिकरा (शिकारी पक्षी), हरियल (येलो फुटेड ग्रीन पीजन), ग्रीन बी ईटर (लंबी चोंच वाला पक्षी), मिनी वेट (छोटी प्रजाति का पंक्षी), बुस चैट, रेड नेप्ट आईबीस, ब्लैक काईट, इंडियन पोंड हेरोन, पर्पल सन बर्ड, कॉमन मैन, नीलकंठ, पानी वाले पक्षियों में जलमुर्गी, पनडुबी सहित पक्षियों की अन्य कई प्रजातियां हैं.
इनमें दूसरे पक्षियों का शिकार करने वाला शिकरा, हरियल (येलो फुटेड ग्रीन पीजन), ग्रीन बी ईटर (लंबी चोंच वाला पक्षी), मिनी वेट (छोटी प्रजाति का पक्षी), बुश चैट, रेड नेप्ट आईबीस, ब्लैक काईट, इंडियन पोंड हेरोन, पर्पल सन बर्ड, कॉमन मैना, नीलकंठ, श्वेत उल्लू, तितर, बटेर, जलमुर्गी, पनडुबी विरले ही देखने को मिलते हैं. हालांकि इन दुर्लभ पक्षियों का गुमला स्थायी निवास स्थान है.
ड्राई जंगलों में है इन दुर्लभ पक्षियों का आशियानाशिकरा पक्षी, हरियल (येलो फूटेड ग्रीन पीजन), ग्रीन बी ईटर (लंबी चोंच वाला पक्षी), मिनी वेट (छोटी प्रजाति का पक्षी), बुश चैट, रेड नेप्ट आईबीस, ब्लैक काईट, इंडियन पोंड हेरोन, पर्पल सन बर्ड, कॉमन मैन, नीलकंठ, श्वेत उल्लू, जलमुर्गी, पनडुबी समेत अन्य दुर्लभ पक्षियों ने गुमला जिला के ड्राई जंगलों में अपना आशियाना बा रखा है.
Also Read: सरकार के लापरवाह सिस्टम ने मार डाला शत्रुघ्न सिन्हा के रिश्तेदार डॉ विजय कृष्ण श्रीवास्तव को, भाजपा ने की उच्चस्तरीय जांच की मांगगुमला जिला में दो तरह के जंगल हैं. एक डेसिक ड्यूट जंगल है. समय आने पर इन जंगलों के पेड़ों के पत्ते झड़ जाते हैं. दूसरा है ड्राई जंगल है. यहां का वातावरण सालों भर उपरोक्त पक्षियों के अनुकूल रहता है. इसलिए इन पक्षियों ने इस जंगल को अपना स्थायी आशियाना बना लिया है.
गुमला के वन प्रमंडल पदाधिकारी श्रीकांत कहते हैं कि गुमला जिला में पक्षियों की सैकड़ों प्रजातियां हैं. सामान्य प्रजातियों के पक्षी हमेशा नजर आते हैं. परंतु यहां जंगलों में कुछ दुर्लभ प्रजातियों के पक्षी भी देखे गये हैं. ड्राई जंगलों में मौसम अनुकूल रहने के कारण इस प्रजाति के पक्षी यहां बस जाते हैं. गुमला जिला में कई प्रकार के प्रवासी पक्षी भी आते रहते हैं.
Posted By : Mithilesh Jha