16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Jharkhand: पिता की हुई मौत, आठ साल से मां लापता, अब बच्चे पेट भरने के लिए कर रहे हैं ईट भट्टे में मजदूरी

यह कहानी, चार अनाथ भाई-बहनों की है. आठ साल से मां गायब है. जबकि पिता की मौत हो गयी. दादा परवरिश कर रहे थे. परंतु दादा का भी निधन हो गया. अभी चारों बच्चे पेट पालने के लिए ईंट भट्ठा में मजदूरी करते हैं.

घाघरा : गुमला के घाघरा प्रखंड के सरांगो नवाटोली गांव में रहने वाले सुजीता कुमारी (17), सुजीत उरांव (14), खुशबू कुमारी (12) व नौ वर्षीय निशा कुमारी आज ईट भट्टा में मजदूरी कर अपना पेट भरने के लिए विवश हैं. वजह है उनके माता पिता का न होना. मां 8 साल से गायब है. जबकि पिता की मौत दो साल पहले हो गयी है. पिता का साया सिर से उठने के बाद दादा जी उनकी परवरिश कर रहे थे. लेकिन दादा जी की मौत के बाद उनकी पढ़ाई छूट गयी और उनके सामने भूखमरी की नौबत आ गयी. आज पेट पालने के लिए 4 में से 3 भाई बहन ईट भट्टा में काम रहे हैं. सबसे छोटी बहन निशा कुमारी घर में रहती है

जानकारी के अनुसार इन बच्चों की मां जलप्यारी देवी आठ वर्ष पूर्व ईंट भट्ठा काम करने गयी थी. जहां से वापस घर लौट कर नहीं आयी. वह जीवित है या नहीं इसकी भी खबर किसी को नहीं है. जिसके बाद पिता का मानसिक संतुलन भी खराब हो गया और दो वर्ष पूर्व पिता की मौत हो गयी. पिता की मौत के बाद 80 वर्षीय वृद्ध दादा चारों बच्चों की देखभाल कर रहे थे.

परंतु दादा की भी मौत एक वर्ष पूर्व हो गयी. अब बच्चे पूरी तरह से अनाथ हो गये हैं. सुजीता, सुजीत व खुशबू तीनों ईंट भट्ठा में काम करने के लिए उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिला जाते हैं. सुजीता ने बताया कि जब वह तीनों ईंट भट्ठा जाते हैं. तब नौ वर्षीय निशा घर पर अकेली रहती है. किसी तरह खाना बना कर खाती है और रात में अपने चाचा के घर सोने के लिए जाती है.

Undefined
Jharkhand: पिता की हुई मौत, आठ साल से मां लापता, अब बच्चे पेट भरने के लिए कर रहे हैं ईट भट्टे में मजदूरी 2
आधार कार्ड के कारण स्कूल में नामांकन नहीं :

निशा कुमार का आधार कार्ड नहीं बना है. जिस कारण उसका नामांकन किसी भी विद्यालय में नहीं हो रहा है. निशा पढ़ना चाहती है. परंतु आधार कार्ड नहीं होने के कारण नहीं पढ़ पा रही है. राशन कार्ड अनाथ बच्चों का अपने चाचा के साथ सम्मिलित है. जिसे एक-एक माह कर राशन छुड़ाते हैं.

Also Read: माता पिता की हुई मौत तो गुमला के इन 4 बच्चों पर मंडराया रोजी-रोटी का संकट, प्रशासन से लगायी मदद की गुहार पढ़ना चाहता है सुजीत, पर मजदूरी करना मजबूरी :

बड़ा भाई सुजीत भी पढ़ना चाहता है. सुजीत ने बताया कि वह पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई की है. जिसके बाद से वे सभी अनाथ हो गये और उसे ईंट भट्ठा जाना मजबूरी हो गयी. आस-पड़ोस के लोगों ने बताया कि सुजीत पढ़ने में काफी तेज था. हर मामले में सुजीत आगे था. परंतु घर की स्थिति में सुजीत को झकझोर दिया और लाचार बना दिया. जब से चारों बच्चे अनाथ हुए हैं. तब से ना किसी से अच्छा से बात करते हैं और ना ही मुस्कुराते हैं. सभी गुमसुम रहते हैं.

मैं मजदूरी कर लूंगी, मेरे भाई-बहन स्कूल में नामांकन करा दें प्रशासन : सुजीता

बड़ी बहन सुजीता ने कहा कि स्कूल जायेंगे तो क्या खायेंगे. ईंट भट्ठा नहीं गये तो भूखे मर जायेंगे. हमारे पास खेत भी अधिक नहीं है कि खेती कर हम अपनी स्थिति सुधार पाये और ना ही कोई व्यवस्था है. हमारे पास कोई रास्ता नहीं है. इसीलिए हम सभी ईंट भट्ठा जाते हैं और अपना पेट भरते हैं. प्रशासन से अपील है. मेरे छोटे भाई बहन का स्कूल में दाखिला करा दें. मैं मजदूरी कर लूंगी.

मैं भी स्कूल जाना चाहती हूं : निशा

निशा से जब पूछा गया स्कूल जाओगी. तब निशा की आंखों में आंसू भर आया और कहने लगी कि मैं भी स्कूल जाना चाहती हूं. सभी बच्चे स्कूल जाते हैं. परंतु मुझे स्कूल में नामांकन नहीं मिलता है. मेरे पास आधार कार्ड नहीं है. जिस कारण मेरा नामांकन नहीं हो रहा है.

रिपोर्ट- अजीत साहू

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें