( दुर्जय पासवान ) गुमला : झारखंड की बेटी अष्टम उरांव का चयन भारतीय सीनियर महिला फुटबॉल टीम में हुआ है, उनका घर गुमला के बिशुनपुर प्रखंड के बनारी गौराटोली गांव में है. फिलहाल अष्टम अभी गोवा के प्रशिक्षण केंद्र में है. लेकिन अष्टम को ये सफलता ऐसे ही नहीं मिली, इसके पीछे उसकी कड़ी मेहनत और समर्पण है.
उनके पिता हीरा उरांव व मां तारा देवी मजदूरी करते हैं. गांव में उनकी थोड़ी बहुत खेत है जिसमें उनका परिवार खेती बारी कर जीवन यापन करते है. वो लोग 5 भाई बहन है, लेकिन इन सबके बावजूद पिता हीरा उरांव अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रहे हैं.
अष्टम का चयन भारतीय सीनियर महिला फुटबॉल टीम में होने से परिवार के सभी सदस्य खुश हैं. बड़ी बहन अंशु उरांव ने प्रभात खबर से बात चीत में बताया कि पिता मजदूरी कर चार बहन व एक भाई को पढ़ा रहे हैं. जिसमें एक भाई व एक बहन संत पात्रिक स्कूल गुमला में पढ़ रही है. जबकि मैं अभी स्नातक की पढ़ाई कर रही हूं.
फिलहाल अंशु गुमला के दाऊद नगर में किराये के घर पर रहती है. उनका कहना है कि गरीबी में जीने के बाद भी मेरे पिता हम सभी भाई बहनों को अच्छी शिक्षा देने में लगे हैं. इसी का नतीजा है कि मेरी छोटी बहन अष्टम उरांव का चयन भारतीय सीनियर टीम में हुआ है. अष्टम की इस उपलब्धि पर पूरा परिवार गर्व महसूस कर रहा है
अष्टम उरांव का परिवार आज भी कच्ची मिटटी के घर में रहता है. अंशु ने बातचीत में यह भी बताया कि घर में सरकारी सुविधा के नाम पर केवल राशन कार्ड बना है. घर की माली हालत ठीक न होने के कारण उनके पिता पक्के घर बनाने में असमर्थ हैं, लेकिन इन सबके बावजूद हम खुश हैं
अष्टम उरांव बचपन से ही खेल में रूचि रखती थी. गांव में प्राथमिकी शिक्षा ग्रहण करते समय भी वह स्कूल में फुटबॉल खेला करती थी. लेकिन खेल के प्रति उसका जुनून ऐसा था कि वह उबाड़ खाबड़ खेत में भी सहेलियों के साथ फुटबॉल खेलती थी. और यही वह है कि आज वो सफलता की उस आसमान को छू रही है जिसका सपना हर लोग देखते हैं
गुमला के उपायुक्त सुशांत गौरव ने अष्टम उरांव का भारतीय सीनियर टीम में चयन होने पर बधाई दिया है. उन्होंने कहा है कि अष्टम का चयन भारतीय सीनियर टीम में होना गुमला जिला के लिए गौरव की बात है.
Posted By: Sameer Oraon