PM मोदी झारखंडवासियों को समर्पित करेंगे भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह संग्रहालय, जानें इसकी खासियत
15 नवंबर यानी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती. वहीं, झारखंड स्थापना दिवस के मौके पर राज्य में कई कार्यक्रम आयोजित होंगे. PM मोदी जहां रांची के पुराने जेल परिसर स्थित भगवान बिरसा मुंडा उद्यान सह संग्रहालय का ऑनलाइन उद्घाटन करेंगे, वहीं CM हेमंत सोरेन खूंटी से कई कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे.
Jharkhand Foundation Day 2021 (रांची) : 15 नवंबर यानी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती. इस दिन बिहार से झारखंड अलग राज्य बना. झारखंड स्थापना दिवस के मौके पर PM मोदी सोमवार को राज्यवासियों को भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह संग्रहालय समर्पित करेंगे. PM मोदी इसका ऑनलाइन उद्घाटन करेंगे. इस अवसर पर राज्यपाल रमेश बैस और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी उपस्थित रहेंगे. इस मौके पर केंद्र सरकार की ओर से एक पखवाड़े तक कई कार्यक्रम आयोजित होगा, वहीं हर साल जनजातीय गौरव दिवस भी मनाया जायेगा. इसके अलावा उद्यान परिसर में भगवान बिरसा मुंडा की 25 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण भी होगा.
राजधानी रांची के पुराने जेल परिसर स्थित भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह संग्रहालय का ऑनलाइन उद्घाटन PM मोदी सोमवार को करेंगे. उद्यान सह संग्रहालय की कुल लागत 142 करोड़ रुपये है. इसमें 117 करोड़ रुपये राज्य सरकार ने खर्च किया है. वहीं, केंद्र सरकार की ओर से 25 करोड़ की राशि की सहायता प्रदान की है.
इस उद्यान की खासियत
भगवान बिरसा मुंडा स्मृति पार्क में म्यूजिकल फाउंटेन, कैफेटेरिया व इनफिनिटी पुल व बच्चों का झूला आकर्षण का केंद्र है. वहीं, सिदो-कान्हू, नीलाम्बर-पिताम्बर, दिवा किशुन, गया मुंडा, तेलंगा खड़िया, जतरा टानाभगत, वीर बुधु भगत समेत कुल 13 शहीदों की प्रतिमाएं स्थापित है. इसके अलावा उद्यान का मुख्य आकर्षण वहां स्थापित भगवान बिरसा मुंडा की 25 फीट ऊंची प्रतिमा होगी. हिंदी, अंग्रेजी, मुंडारी समेत अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में शहीदों की जीवनी बतायी जायेगी.
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लाइट एंड साउंड शो के जरिये मिलेगी राज्य के गौरवपूर्ण इतिहास की जानकारी
पुराने जेल परिसर स्थित भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह संग्रहालय में लाइट एंड साउंड शो के जरिये राज्यवासियों को राज्य के गौरवपूर्ण इतिहास की जानकारी मिलेगी. इससे युवाओं को अपनी विरासत और धरोहर की जानकारी मिलेगी. इसमें भगवान बिरसा मुंडा से जुड़ी स्मृतियों को संजो कर रखा गया है.
सेल्युलर जेल की तर्ज पर हुआ विकसित
पुराने जेल के एक बड़े हिस्से को अंडमान-निकोबार की सेल्युलर जेल की तर्ज पर विकसित किया गया है. इसके निर्माण के लिए पुरातात्विक विशेषज्ञों से मदद ली गयी है. वहीं, जेल के अंदर प्रवेश करते ही 1765 की स्थितियां, आदिवासियों के रहन-सहन और जीवंत शैली को बखूबी जानने का मौका मिलेगा. इसके अलावा जेल का अंडा सेल, हॉस्पिटल और किचन को भी पुराना रूप दिया गया है.
लाइव बलिदान गाथा को देखने का मिलेगा मौका
इस संग्रहालय में राज्यवासियों को स्वतंत्रता सेनानियों की लाइव बलिदान गाथा देखने का मौका मिलेगा. वहीं, झारखंड के स्वतंत्रता सेनानियों को अंग्रेजों द्वारा किये गये अत्याचारों को लेजर शो के माध्यम से देखने का मौका मिलेगा. इसे हर दिन शाम को दिखाया जायेगा. इसके लिए आधा घंटा का वीडियो तैयार किया गया है.
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पुराने जेल परिसर में उलीहातू की मिलेगी झलक
पुराने जेल स्थित जिस कमरे में भगवान बिरसा मुंडा ने अंतिम सांस ली थी, राज्यवासियों को उसे देखने का मौका मिलेगा. इस स्थल पर उनकी एक प्रतिमा भी लगायी गयी है. यहां बिरसा मुंडा की जन्मस्थली खूंटी जिला अंतर्गत उलीहातू की झलक देखने को मिलेगी.
Posted By : Samir Ranjan.