ससुरालवालों ने घर से निकाला अपनी दो बेटियों को लेकर डेढ़ साल से दर- दर भटक रही है बंधनी
डेढ़ साल से अपने दो बेटियों के साथ बंधनी दर- दर भटक रही है. पति की मौत के बाद ससुरालवालों ने उसे घर से बाहर निकाल दिया. बंधनी के पिता की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है इसलिए बंधनी अपने पिता के साथ भी नहीं रह सकती. उसका सपना है कि उसके दोनों बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले
गुमला : डेढ़ साल से अपने दो बेटियों के साथ बंधनी दर- दर भटक रही है. पति की मौत के बाद ससुरालवालों ने उसे घर से बाहर निकाल दिया. बंधनी के पिता की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है इसलिए बंधनी अपने पिता के साथ भी नहीं रह सकती. उसका सपना है कि उसके दोनों बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले. बंधनी को जहां आश्रय मिलता है. वहीं रात गुजार लेती है. किसी प्रकार मजदूरी कर दोनों बेटियों की परवरिश कर रही है.
मामला गुमला प्रखंड के वृंदा महुआटोली गांव की है. ससुरालवालों ने बंधनी देवी के साथ उसकी दो बेटी सीता कुमारी (6 वर्ष) और रीता कुमारी (तीन वर्ष) को घर से निकाल दिया है. घर से निकाले जाने के बाद बंधनी कुछ दिन अपने मायके में रही. परंतु बंधनी के माता पिता गरीब हैं. वे अपनी बेटी व दो नतिनी को रखने में असमर्थ हैं.
बंधनी कभी अपने मायके तो कभी दूसरे के घर में आश्रय लेती है. उन्होंने गुमला प्रशासन से मदद की गुहार लगायी है. जिससे वह अपनी दोनों बेटियों व खुद की जीविका चला सके. उन्हें प्रशासन से विधवा पेंशन व राशन कार्ड बनाने की मांग की है. साथ ही आश्रय देने की भी मार्मिक गुहार लगायी है.
तीन साल पहले पति की हत्या हुई थी
बंधनी ने बताया कि तीन साल पहले जब वह गर्भवती थी. तभी उसके पति घुरन लोहरा की उसके ही रिश्तेदारों ने घर में घुसकर टांगी से काटकर हत्या कर दिया था. पति घुरन की हत्या के बाद कुछ महीने तक घर में सबकुछ ठीक चला. परंतु अचानक ससुरालवालों ने बंधनी को अपनी दो बेटियों के साथ घर से निकाल दिया. डेढ़ साल पहले ससुरालवाले घर से निकाले हैं. बंधनी ने कहा कि मैं डेढ़ साल से अपनी दो बेटियों को लेकर भटक रही हूं. कहीं से कोई मदद नहीं मिल रहा है. पुलिस के पास मदद के लिए जाने में डर लगता है. क्योंकि पुलिस मदद करेगी या नहीं. यही डर हर समय बना रहता है. इसलिए मैं किसी प्रकार बेटियों को सुरक्षा प्रदान करते हुए यहां-वहां भटक रही हूं.
दोनों बेटियां पढ़े, यही मेरी इच्छा
बंधनी ने कहा कि मैं किसी प्रकार जी लूंगी. परंतु मेरी दोनों बेटियों की भविष्य की चिंता है. क्योंकि गरीबी के कारण मैं अपनी बेटियों को न तो आश्रय दे सकती हूं और न अच्छी शिक्षा. इसलिए मेरी इच्छी है कि मेरी बेटियों को आश्रय के साथ अच्छी शिक्षा मिले. इसके लिए मैंने सीडब्ल्यूसी से गुहार लगायी हूं कि मेरी बेटियों को सीडब्ल्यूसी अपने संरक्षण में ले लें. जिससे मेरी बेटियां हॉस्टेल में रहकर पढ़ लिख सके.
घर से निकालने का कारण
बंधनी ने बताया कि पति की हत्या के बाद हर समय ससुरालवाले उसके ऊपर गलत आरोप लगा रहे थे. यहां तक कि हिस्सा बांटा को लेकर भी विवाद था. मेरे ऊपर लग रहे गलत करने का आरोप का विरोध करने पर मुझे घर से निकाल दिया.
कृपा खेस, सदस्य, सीडब्ल्यूसी के सदस्य कृपा खेस ने कहा, बंधनी देवी सीडब्ल्यूसी कार्यालय आयी थी. उसने अपनी अपबीती बतायी है. वह गरीबी में जी रही है. गरीबी के कारण अपनी दो बेटियों के आश्रय व शिक्षा की गुहार लगायी है. उससे प्राप्त आवेदन के आधार पर मदद की जायेगी.