गुमला शहर के चाहा मुहल्ला में दो बच्चों की मां अपने प्रेमी संग पकड़ी गयी. पत्नी को प्रेमी संग देखकर पति आगबबूला हो गया. उन्होंने अपनी पत्नी को छोड़ दिया. मंगलवार को यह मामला गुमला थाना पहुंचा. चाहा निवासी तारकेश्वर सिंह की पत्नी पुष्पा देवी ने मंगलवार को थाना में अपने पति व दो बच्चों जगनारायण सिंह (8) व सूर्यनारायण सिंह (6) को छोड़कर अपने प्रेमी नारायण सिंह के पास चली गयी.
जिसके बाद उसके पति तारकेश्वर सिंह ने थाना में पुलिस पदाधिकारियों के समक्ष एकरारनामा के तहत अपनी पत्नी पुष्पा देवी को प्रेमी नारायण सिंह को सौंप दिया. घटना के संबंध में पति तारकेश्वर सिंह ने बताया कि उसका विवाह वर्ष 2010 में धार्मिक रीति रिवाज से बसिया के डाकिया गांव में हुआ था. शादी के बाद सबकुछ ठीक था. इसी बीच डेढ़ वर्ष पूर्व उसकी पत्नी का चाहा निवासी नारायण सिंह से प्रेम प्रसंग हो गया.
आठ मार्च 2020 को मैंने अपनी पत्नी व उसके प्रेमी को पकड़ा. उन्होंने बताया कि महिला मंडल की ओर से आठ मार्च को उनके खेत में कुंआ की खुदाई हो रही थी. इसी बीच वह मिट्टी का तेल लाने बैरागी बगान राजेश के घर गया. वहां से लौटने के बाद नहाने के लिए घर आया, तो देखा दरवाजा बंद है. वह दरवाजा खटखटाया. तो काफी देर बाद दरवाजा खुला. पत्नी से देर से दरवाजा खोलने के संबंध में पूछा, तो वह बोली खाना बना रही थी.
इसी बीच उसे शक हो गया कि पत्नी के अलावा घर में और कोई है. तो वह नहाकर फिर बाहर निकला. फिर कुछ देर बाद पीछे से अपने घर के अंदर प्रवेश किया, तो पत्नी पुष्पा देवी व नारायण सिंह को आपत्ति जनक स्थिति में पाया. जिसके बाद गुस्से में पत्नी को दो थप्पड़ मारा. उसके बाद अपने सास शकुंतला देवी व ससुर दिनेश सिंह को फोन कर घर बुलाया.
शाम पांच बजे वे घर पहुंचे, तो उन्हें सारी बातों की जानकारी दी. जिसके बाद वे लोग अपनी बेटी को लेकर बसिया डाकिया गांव चले गये. परंतु वहां से पत्नी भाग गयी. जब इसकी जानकारी तारकेश्वर को हुई तो उन्होंने अपनी पत्नी को खोजकर गुमला थाना लाकर सुपूर्त कर दिया.
जिसके बाद एएसआइ तपेश्वर बैठा ने पति पत्नी को समझाकर घर भेज दिया. परंतु दूसरे प्रेमी नारायण सिंह उसके घर पहुंचा, और तारकेश्वर के ऊपर बंदूक तान दिया. जिसकी जानकारी थाना को लिखित रूप से दी गयी. मंगलवार को थाना पहुंचकर पत्नी पुष्पा देवी द्वारा अपने प्रेमी के साथ रहने की बातें पुलिस पदाधिकारियों के समक्ष कहने पर उसे उसके प्रेमी नारायण सिंह को जिम्मा दे दिया.