बरसात में नरक बन जाता है गुमला का हुसैन नगर, अब तक न तो सड़क बनी है और न ही नाली
अभी बारिश का मौसम है. दो दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है. सड़क व नाली नहीं बनी है. जिस कारण बारिश का पानी घरों में घुसने के बाद बर्तन से उबछ कर निकालना पड़ता है. बस्ती की सड़क खेत से होकर गुजरती है. जहां सड़क नहीं है. बारिश नहीं होने पर खेत से पैदल व किसी प्रकार मोटरसाइकिल गुजर जाती है. परंतु बारिश होने पर खेत की सड़क से आप चल नहीं पायेंगे.
गुमला : गुमला शहर में हुसैन नगर नदी ग्राउंड बस्ती है. यह बस्ती कुछ 10-11 साल पहले बसी है. शुरू में एक घर बना. फिर देखते ही देखते सैंकड़ों घर बस गये. आबादी भी बढ़ गयी. कहने को हुसैन नगर नदी ग्राउंड की बस्ती शहर में है. अगर इस बस्ती को घूम लेंगे तो एहसास होगा कि शहर की बस्ती की स्थिति गांव से भी खराब व बदतर है.
अभी बारिश का मौसम है. दो दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है. सड़क व नाली नहीं बनी है. जिस कारण बारिश का पानी घरों में घुसने के बाद बर्तन से उबछ कर निकालना पड़ता है. बस्ती की सड़क खेत से होकर गुजरती है. जहां सड़क नहीं है. बारिश नहीं होने पर खेत से पैदल व किसी प्रकार मोटरसाइकिल गुजर जाती है. परंतु बारिश होने पर खेत की सड़क से आप चल नहीं पायेंगे.
मोटर साइकिल चलाना, यानि खुद को खेत के कीचड़ में फंसाने के बराबर होगा. इस बस्ती में घर बनाने वाले लोगों ने 10 से 15 फीट तक सड़क बनाने के लिए जगह छोड़ी है. परंतु यह सड़क कच्ची है. बरसात में यह सड़क भी कीचड़ में तब्दील हो जाती है.
मुहल्ले के लोगों की समस्या : हुसैन नगर नदी ग्राउंड निवासी मो अलाउददीन, राजू, बबलू, गुडडू, मुख्तार, मासारात, हलीमा, कलीम, जसीम, राजा, तसलीम, छोटू, जामिन, सोनू, सलमा, इरशाद, नेहाल व मो रमजान ने कहा कि हमारी बस्ती अल्पसंख्यक बहुल (मुस्लिम) है.
लंबे समय से बस्ती के लोग सड़क व नाली बनाने की मांग कर रहे हैं. परंतु कोई नहीं सुन रहा है. जिस कारण लोगों को नरक जैसी जिंदगी बसर करनी पड़ रही है. बारिश शुरू होते ही बस्ती की नक्शा बदल जाता है. चारों तरफ बारिश का पानी दो से तीन फीट तक जमा नजर आता है. मुहल्ले के लोगों ने नगर परिषद के अधिकारियों से एक बार बस्ती का निरीक्षण करने व समस्या से अवगत होने के बाद समस्या दूर करने की मांग की है.