गुमला : आप अपने साथ हुए किसी भी प्रकार की दुर्घटना की शिकायत सबसे पहले थाने में करते हैं. कानून पर थाना पर आपका विश्वास होता है. अगर आपका विश्वास कानून की पहली दहलीज पर ही टूट जाए तो ? गुमला थाने में एक ऐसा ही मामला सामने आये है. पीड़िता ने अपने ऊपर हुए अत्याचार की शिकायत थाने में.
पीड़िता ने एक – एक बात खुलकर बतायी कि किस तरह उसके साथ अत्याचार होता रहा. अपने लिखित बयान में उसने बताया कि धर्म और अपना नाम छिपाकर पहले उसे प्रेम जाल में फंसाया गया. उसके साथ लगातार दुष्कर्म होता रहा. धीरे- धीरे उस पर धर्म परिवर्तन करने का भी दबाव बनाया गया. दवा खिलाकर गर्भपात करा दिया गया.
इस मामले में आरोपी को पकड़ने और कानूनी कार्रवाई करने के बजाय अब पुलिस पर ही आरोप लग रहा है. पुलिस ने सादे कागज में पीड़िता का हस्ताक्षर लेकर फर्जी लिखित ब्यान बनाकर केस दर्ज कर लिया. अभी तक पुलिस द्वारा आरोपी को पकड़ने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की है.
गुमला थाना की पुलिस के इस कारनामे के खिलाफ पीड़िता ने गुमला एसपी अंजनी कुमार झा को लिखित ज्ञापन सौंपा है. गुमला थानेदार व केस के आईओ (जांच अधिकारी) अंसारी दरोगा पर फर्जी लिखित ब्यान पर केस करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है.
पीड़िता ने कहा है कि जांच अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाये. साथ ही मेरे द्वारा दर्ज केस में दूसरे पुलिस अधिकारी को जांच का जिम्मा दिया जाये. उन्होंने यह भी कहा है कि दरोगा ने उसे थाने में धमकाया है. जिस अजीम अंसारी पर उसने दुष्कर्म व प्रताड़ित करने का आरोप लगायी है. उसीदरोगा मुझे जबरन शादी करने के लिए दबाव बना रहा है.
यहां तक कि आरोपी द्वारा उसे फोन कर धमकी दिया जा रहा है. परंतु पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है. पीड़िता ने कहा है कि गुमला थाना के बड़ा बाबू ने दरोगा को जांच का जिम्मा दिया है. दरोगा व अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाये.
पीड़िता ने ज्ञापन की कॉपी एसपी के अलावा गुमला डीसी, झारखंड राज्य महिला आयोग व डीजीपी को भी प्रेषित की है. वहीं पीड़िता के वकील के अनुसार गुमला पुलिस इस मामले पर अभी तक कार्रवाई नहीं कर रही है. गुमला पुलिस के खिलाफ अब मुख्यमंत्री से मिलकर शिकायत की जायेगी.