Jharkhand JAC 10th Result 2020 : वर्ष 2014 के बाद झारखंड का सबसे बढ़िया रिजल्ट, 2019 से करीब 5 फीसदी अधिक विद्यार्थी हुए पास
रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल यानी जैक ने मैट्रिक का रिजल्ट जारी कर दिया है. इस वर्ष 75.01 फीसदी विद्यार्थी पास हुए हैं. यह वर्ष 2013 से अब तक यह दूसरा मौका है, जब जैक बोर्ड में मैट्रिक के इतने बच्चे पास हुए हैं. इसके पहले वर्ष 2014 में सबसे ज्यादा 75.03 फीसदी विद्यार्थी मैट्रिक की परीक्षा में पास घोषित किये गये थे.
रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल यानी जैक ने मैट्रिक का रिजल्ट जारी कर दिया है. इस वर्ष 75.01 फीसदी विद्यार्थी पास हुए हैं. यह वर्ष 2013 से अब तक यह दूसरा मौका है, जब जैक बोर्ड में मैट्रिक के इतने बच्चे पास हुए हैं. इसके पहले वर्ष 2014 में सबसे ज्यादा 75.03 फीसदी विद्यार्थी मैट्रिक की परीक्षा में पास घोषित किये गये थे.
इन वर्षों में इस वर्ष सबसे कम विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी. वर्ष 2020 में 3,85,144 छात्र-छात्राओं ने मैट्रिक की परीक्षा दी, जबकि ज्यादा 4,78,079 परीक्षार्थी वर्ष 2014 में मैट्रिक की परीक्षा में बैठे थे. इनमें से 3,60,005 परीक्षार्थी (75.30 फीसदी) पास घोषित हुए थे.
वर्ष 2013 में 4,69,667 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए और 3,43,583 परीक्षा में उत्तीर्ण घोषित किये गये. पास होने वाले विद्यार्थियों का प्रतिशत 73.15 रहा. वर्ष 2015 में 4,55,829 बच्चे परीक्षा में बैठे और 3,24,580 पास हुए. इस वर्ष कुल 71.20 फीसदी विद्यार्थी पास हुए थे. वर्ष 2016 में 4,70,280 बच्चे इम्तहान में बैठे और इनमें से 67.54 फीसदी यानी 3,17,655 परीक्षार्थी पास हुए.
वर्ष 2017 में 4,63,311 बच्चों ने परीक्षा दी थी, जिसमें 3,14,287 पास हुए थे. पिछले साल की तुलना में इस साल पास होने वाले विद्यार्थियों की संख्या भले कम रही, लेकिन रिजल्ट थोड़ा बेहतर था. इस वर्ष 67.83 फीसदी विद्यार्थी पास हुए थे.
वर्ष 2018 पिछले 8 साल में सबसे खराब रिजल्ट वाला साल रहा था. इस वर्ष 4,28,394 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए और मात्र 2,55,175 पास हो पाये. यानी महज 59.56 फीसदी विद्यार्थी ही पास हुए.
पिछले साल यानी वर्ष 2019 की बात करें, तो कुल परीक्षार्थियों की संख्या 4,38259 थी. पास होने वाले विद्यार्थियों की संख्या 3,10,349, जो कुल परीक्षार्थियों का 70.81 फीसदी होता है. इस तरह पिछले साल की तुलना में इस वर्ष का रिजल्ट 4.2 फीसदी बेहतर रहा. यानी 4.2 फीसदी बच्चे अधिक पास हुए.
Posted By : Mithilesh Jha