नक्सली बंद खत्म होते ही माओवादियों ने गुमला में दिया बड़ी घटना को अंजाम, कुरुमगढ़ थाना का भवन उड़ाया
झारखंड समेत 4 राज्यों में नक्सल बंद खत्म होने के बाद माओवादियों ने कुरुमगढ़ थाने के नये भवन को उड़ा दिया है, जिस स्थान पर घटना को अंजाम दिया गया है वहां से 100 मीटर की दूरी पर सीआरपीएफ जवान रहते हैं
गुमला : गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड स्थित कुरुमगढ़ थाना के नये भवन को भाकपा माओवादी के हथियारबंद नक्सलियों ने उड़ा दिया है. भवन का एक हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है. घटना गुरुवार की देर रात की है. जिस स्थान पर कुरुमगढ़ थाना का नया भवन बन रहा है. वहां से 100 फीट की दूरी पर कुरुमगढ़ का अस्थायी थाना व सीआरपीएफ के जवान रहते हैं. बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने जब विस्फोट किया तो पुलिस की रातों की नींद उड़ गयी.
आसपास में रहने वाले लोग भी बम विस्फोट के बाद दहशत में आ गए. सूचना के अनुसार कुरुमगढ़ थाना को उड़ाने के लिए लातेहार, लोहरदगा व गुमला जिला के नक्सलियों ने संयुक्त टीम बनाकर थाना भवन को उड़ाने का काम किया है. घटना की सूचना के बाद शुक्रवार की सुबह पुलिस टीम घटनास्थल पहुंची. सूत्रों के मुताबिक इस घटना में लोहरदगा जोन के सब जोनल कमांडर रविंद्र गंझू, लातेहार के सब जोनल कमांडर बलराम, सब जोनल कमांडर छोटू खेरवार के अलावा गुमला जिला के रंथु उरांव, अजीम अंसारी, अमरजीत सहित 50 से 60 नक्सली थे.
बताते चलें कि भाकपा माओवादियों ने तीन दिन का झारखंड बिहार समेत 4 राज्यों में बंद का ऐलान किया था क्यों कि झारखंड पुलिस ने उनके शीर्ष नेता प्रशांत बोस को सरायकेला से गिरफ्तार कर लिया था. इस बंद का गुरुवार की रात 12:00 बजे समापन होना था. लेकिन बंदी खत्म होने से पहले नक्सलियों ने कुरुमगढ़ थाने को उड़ाकर अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है. इधर हाल के दिनों में पुलिस दबिश के कारण कुरुमगढ़ इलाके से नक्सलियों का पलायन हो गया था. आठ माह पूर्व गुमला पुलिस ने भाकपा माओवादी के शीर्ष नेता बुद्धेश्वर उरांव को कुरुमगढ़ इलाके में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था.
इसके बाद से नक्सली बैकफुट पर हो गये थे. परंतु बुद्धेश्वर की मौत के बाद से नक्सली बदले की भावना से किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे. इसी योजना के तहत नक्सलियों ने कुरुमगढ़ थाना को उड़ाकर पुलिस को बड़ी चुनौती दी है.
Posted By : Sameer Oraon