Jharkhand Mini Lockdown Impact : गुमला के स्टेडियम में अभ्यास बंद, सड़क और खेतों पर खिलाड़ी बहा रहे हैं पसीना, देखें Pics
Jharkhand Mini Lockdown Impact (गुमला) : झारखंड के गुमला में कई नेशनल एथलीट हैं. ये खिलाड़ी किसान परिवार से आते हैं. इन्हीं खिलाड़ियों के कारण गुमला की पहचान खेल नगरी के रूप में है. गुमला की यह पहचान बनी रहे. इसलिए कोरोना वायरस संक्रमण के बीच एथलीट (खिलाड़ी) हर रोज अभ्यास कर रहे हैं.
Jharkhand Mini Lockdown Impact (दुर्जय पासवान, गुमला) : झारखंड के गुमला में कई नेशनल एथलीट हैं. ये खिलाड़ी किसान परिवार से आते हैं. इन्हीं खिलाड़ियों के कारण गुमला की पहचान खेल नगरी के रूप में है. गुमला की यह पहचान बनी रहे. इसलिए कोरोना वायरस संक्रमण के बीच एथलीट (खिलाड़ी) हर रोज अभ्यास कर रहे हैं.
कोरोना महामारी के कारण गुमला में भी स्टेडियम अभ्यास बंद है. लेकिन, इससे गुमला के खिलाड़ी हताश व निराश नहीं हैं. स्टेडियम में अभ्यास बंद होने के बाद वे सड़कों व खेतों पर अभ्यास कर रहे हैं. गांव के खेत, पगडंडी में हर दिन खिलाड़ियों को दौड़ते हुए देख सकते हैं.
शहर में रहने वाले खिलाड़ी मुख्य सड़कों पर दौड़ रहे हैं, लेकिन कोरोना के कारण हॉस्टल बंद होने से कई खिलाड़ी अपने गांव-घर में हैं. गांव में रहने वाले खिलाड़ी पगडंडी व खेतों पर अभ्यास कर रहे हैं, ताकि उनकी शारीरिक क्षमता बनी रहे. कोरोना काल में खिलाड़ी क्या कर रहे हैं. प्रभात खबर ने इनकी दिनचर्या की जानकारी ली. किस प्रकार अभ्यास चल रहा है. इसका भी पता किया. गुमला के 100 प्रतिशत एथलीट हर दिन अभ्यास में हैं.
घाघरा की सड़कों पर दौड़ रही सुप्रीतिघाघरा प्रखंड की सुप्रीति कच्छप नेशनल एथलीट है. अभी वह अपने घर पर है. अभ्यास ने रुके. इसके लिए वह हर दिन घाघरा की सड़कों पर दौड़ती है, ताकि उसका अभ्यास बरकरार रहे और शारीरिक क्षमता भी बनी रहे. अहले सुबह चार बजे से छह बजे तक सुप्रीति लगातार अभ्यास करती है. कोच प्रभात रंजन तिवारी के दिशा-निर्देश पर सुप्रीति ने हर दिन का रूटीन बना ली है. उसी आधार पर वह अभ्यास करती है.
Also Read: अस्पताल में नहीं थे डॉक्टर-नर्स, घायल का रायडीह दारोगा ने किया उपचार हॉस्टल बंद है, गांव में रह रहे हैं खिलाड़ीगुमला के सुशील उरांव व जुगनू उरांव हर दिन अभ्यास कर रहे हैं. इनका हर दिन का अभ्यास चार्ट बना हुआ है. इसके अलावा कोच के दिशा-निर्देश पर ये दोनों खिलाड़ी एक साथ दौड़ लगाते हैं. फोरी गांव के आशीष उरांव व कार्तिक उरांव गांव की सड़कों पर पगडंडियों में दौड़ का अभ्यास करते हैं. अभी सेंटर बंद है, तो ये दोनों खिलाड़ी अपने गांव में ही हर दिन का रूटीन चार्ट बनाकर पसीना बहा रहे हैं. दोनों खिलाड़ियों ने कहा कि एक दिन भी अभ्यास नहीं रुका है.
अभ्यास के लिए रूटीन चार्ट बना हुआ हैरायडीह प्रखंड के कंचोड़ा गांव के आशीष कुजूर व घाघरा प्रखंड के दिनेश महतो भी अभी अपने घर पर हैं. ये दोनों खिलाड़ी गांव की सड़कों व खेत पर हर रोज अभ्यास कर रहे हैं. खिलाड़ियों ने कहा कि कोच द्वारा हर दिन मार्गदर्शन मिलता है. उसी के आधार पर अभ्यास कर रहे हैं. अभ्यास बंद करना यानी खेल के प्रति लापरवाही है. इसलिए रूटीन चार्ट के अनुसार निरंतर अभ्यास कर रहे हैं. खिलाड़ियों ने कहा कि घर का जो आहार है. उसे ही खा रहे हैं.
गुमला में 75 बालक-बालिका एथलीट हैंगुमला जिले में 75 बालक व बालिका एथलीट खिलाड़ी हैं. इसमें 50 बालक व 25 बालिका खिलाड़ी हैं. हालांकि, एथलेटिक्स सेंटर में 25 खिलाड़ी ही रहते हैं. जो कि अभी अपने घरों पर हैं. सेंटर के अलावा अन्य जगह पर 50 खिलाड़ी रहते हैं. ये सभी खिलाड़ी कोरोना के कारण अपने घरों में रह रहे हैं. जहां इनका हर इिन का अभ्यास रूटीन चार्ट बना हुआ है. जिसके आधार पर खिलाड़ी अभ्यास करते हैं.
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Posted By : Samir Ranjan.