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Jharkhand News : IED Bomb Blast से महज 7 महीने में 3 ग्रामीण मरे,1 ग्रामीण अपाहिज, 2 पुलिसकर्मियों के उड़े पैर

गुमला के चैनपुर व बिशुनपुर प्रखंड के दर्जनों गांवों के जंगलों में नक्सलियों ने अपनी सुरक्षा व पुलिस को नुकसान पहुंचाने के लिए आईईडी बम बिछाकर रखा है. नक्सलियों ने बम बिछाने के बाद ग्रामीणों को जंगल में घुसने से मना किया है, लेकिन कुछ ग्रामीण पशुओं को चराने जंगल चले जाते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 20, 2021 3:23 PM
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Jharkhand Naxal News, गुमला न्यूज (दुर्जय पासवान) : झारखंड के गुमला स्थित चैनपुर व बिशुनपुर के जंगलों में एक महीने में एक दर्जन से अधिक आईईडी ब्लास्ट हुआ है. जिसमें सात माह में तीन ग्रामीणों की मौत हो चुकी है, जबकि कई ग्रामीण घायल हुए हैं. मरवा गांव का महेंद्र महतो अभी भी अपाहिज बनकर बैठा हुआ है. अपनी सुरक्षा के लिए नक्सलियों ने जंगलों में आईईडी बम बिछाकर रखा है. आम लोगों के साथ-साथ पुलिस भी इसका शिकार हो चुकी है. आपको बता दें कि एक महीने से नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन बंद है.

आईईडी एक ग्रामीण महेंद्र महतो का पैर उड़ गया था. अभी वह अपाहिज बनकर घर पर बैठा हुआ है. ये सभी ग्रामीण जंगलों में पशुओं को चराने या फिर पुलिस को रास्ता दिखाने के लिए घुसे थे. परंतु नक्सलियों द्वारा बिछाये गये आइइडी बम की चपेट में आने से हादसे के शिकार हुए. वहीं जंगलों में नक्सलियों को खोजने घुसे दो पुलिस जवान भी घायल हो चुके हैं. दोनों का पैर उड़ गया था, जबकि कोबरा बटालियन के एक खोजी कुत्ते की भी मौत आईईडी ब्लास्ट में हो चुकी है. वहीं दर्जनों पशु जंगल में भोजन की तलाश में घुसे तो आईईडी बम की चपेट में आकर मर गये. कई जानवार घायल भी हो चुके हैं.

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यहां बतातें चलें कि चैनपुर व बिशुनपुर प्रखंड के दर्जनों गांवों के जंगलों में नक्सलियों ने अपनी सुरक्षा व पुलिस को नुकसान पहुंचाने के लिए आईईडी बम बिछाकर रखा है. नक्सलियों ने बम बिछाने के बाद ग्रामीणों को जंगल में घुसने से मना किया है. परंतु कुछ ग्रामीण पशुओं को चराने जंगल में घुस जाते हैं. जिसके बाद वे आईईडी बम की चपेट में आ रहे हैं. जिस प्रकार सात महीनों में जंगलों में आईईडी ब्लास्ट हुआ या फिर पुलिस ने आईईडी बम निष्क्रिय किया है. इससे अंदेशा लगाया जा रहा है कि अभी भी जंगलों में आईईडी बम बिछा हुआ है. हालांकि इधर, बारिश के कारण एक महीने से नक्सलियों के खिलाफ अभियान बंद है. 14 जुलाई 2021 को गुमला पुलिस ने कोचागानी जंगल में भाकपा माओवादी के शीर्ष नेता बुद्धेश्वर उरांव को मुठभेड़ में मार गिराया था. उस समय ऑपरेशन चक्रव्यूह चलाया गया था. ऑपरेशन चक्रव्यूह खत्म होने के बाद दोबारा ऑपरेशन चालू नहीं किया गया है.

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आईईडी ब्लास्ट से ग्रामीणों को क्षति

14 जनवरी 2021 : बिशुनपुर व गारू थाना के बॉर्डर इलाके में पंडरा गांव के गोताक बंदरलेटा जंगल में आइइडी विस्फोट होने से गोपखाड़ गांव की सांझो देवी की मौत हो गयी थी. एक महिला घायल हुई थी. पांच महिला बच गयी थी. 24 घंटे बाद शव को जंगल से निकाला गया था.

27 फरवरी 2021 : गुमला के मरवा गांव से सटे जंगल में आइइडी बम ब्लास्ट होने से गांव के किसान महेंद्र महतो का एक पैर उड़ गया था. परिवार के लोगों ने घायल को जंगल से निकाला और अस्पताल में लाकर भर्ती कराया था.

14 जुलाई 2021 : केरागानी जंगल में आइइडी ब्लास्ट में ग्रामीण रामदेव मुंडा की मौत हो गयी थी. जबकि दो ग्रामीण घायल हो गये थे. ये लोग पुलिस को रास्ता दिखाने का काम कर रहे थे.

19 अगस्त 2021 : बिशुनपुर थाना के जुड़वानी जंगल में आइइडी ब्लास्ट में पशु चराने जंगल घुसे किसान बुद्धेश्वर नगेसिया की मौत हो गयी. 12 घंटे बाद शव को बरामद किया गया था.

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आईईडी ब्लास्ट से घायल पुलिस जवान

25 फरवरी 2021 : चैनपुर थाना के रोरेद गांव के जंगल में भाकपा माओवादियों ने आइइडी बम ब्लास्ट किया था. जिसमें सीआरपीएफ-218 बटालियन के जवान रॉबिन्स कुमार के दोनों पैर उड़ गया था. हेलीकॉप्टर से घायल को रांची ले जाया गया था.

13 जुलाई 2021 : केरागानी जंगल में आइइडी ब्लास्ट में जवान विश्वजीत कुंभकार घायल हो गया था. जबकि खोजी कुत्ता शहीद हो गया था. शाम को नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई थी. सुरक्षा बल नक्सलियों की तलाश में जंगल में घुसे थे.

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पशुओं की भी मौत

अलग-अलग तिथि को चैनपुर प्रखंड के बारडीह पंचायत के केरागानी, कोचागानी, रोरेद, मरवा सहित आसपास के गांव में आइइडी ब्लास्ट होने से दो दर्जन से अधिक पशुओं की मौत हो गयी थी. कई पशु घायल भी हुए हैं.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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