नक्सलियों के विरोध के बावजूद भी डिजिटल स्ट्राइक करने में जुटी झारखंड पुलिस, लोगों में खुशी की लहर
गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड स्थित कुरूमगढ़ थाना इलाके में नक्सलियों के विरोध के बावजूद प्रशासन मोबाइल टावर लगाने में जुटा है. 30 वर्षों से नक्सली इस क्षेत्र के विकास में बाधक बने हुए हैं. मोबाइल टावर भी लगाने में नहीं दे रहे हैं
गुमला: गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड स्थित कुरूमगढ़ थाना इलाके में नक्सलियों के विरोध के बावजूद प्रशासन मोबाइल टावर लगाने में जुटा है. 30 वर्षों से नक्सली इस क्षेत्र के विकास में बाधक बने हुए हैं. मोबाइल टावर भी लगाने में नहीं दे रहे हैं. इसलिए, प्रशासन ने मोबाइल टावर लगाकर नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब देने जा रहा है. कुरूमगढ़ थाना क्षेत्र के छह स्थानों पर एयरटेल कंपनी का मोबाइल टावर लगाया जा रहा है.
टावर लगने के बाद सेवा शुरू होने के साथ ही नक्सल प्रभावित जंगली और पहाड़ी क्षेत्र भी डिजिटल युग की ओर बढ़ेगा. मोबाइल टावर लगने से क्षेत्र के लोगों में खुशी है. उक्त क्षेत्र में कई बड़ी समस्याओं में से एक बड़ी समस्या नेटवर्क की है. नेटवर्क के अभाव में राशन कार्डधारियों को समय पर राशन नहीं मिलता है.
पीपी बामदा, सिविल, बारडीह, लुरू, कुरूमगढ़, तबेला, कोचागानी, केरागानी, कुटवां सहित अन्य कई दूरस्थ गांव के लोगों को राशन लेने से पहले ई-पॉश मशीन में अंगूठा का निशान लगाने के लिए गांव से गुमला की दूरी 40-45 किमी दूर तक आना पड़ता है. चूंकि ग्रामीण अपने बैंक खाता में जमा पैसे को सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) से भी निकाल सकते हैं. परंतु नेटवर्क के अभाव में क्षेत्र के ग्रामीण सीएससी से अपना पैसा तक नहीं निकाल पा रहे थे. राशन डीलर और सीएससी संचालक ग्रामीणों का काम करने के लिए कभी जंगल के पेड़ तो कभी पहाड़ की चोटी पर चढ़कर नेटवर्क की तलाश करना पड़ता है.
रिपोर्ट- जगरनाथ पासवान