लोहरदगा : लोहरदगा जिला मे उग्रवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा था, लेकिन पिछले कुछ समय से एक बार फिर से उग्रवादी अपनी गतिविधि तेज कर दिये हैं. शांति का माहौल अब खत्म होने लगा है. लोग उग्रवादियों की लगातार बढ़ती गतिविधियों के बाद भय के साये में जीने को विवश हैं. लोहरदगा जिला के सीमावर्ती इलाकों में भाकपा माओवादी रवींद्र गंझू का दस्ता सक्रिय है.
वह लगातार इलाके में घूमता रहता है. जब लोहरदगा जिला मे पुलिस की गतिविधि तेज होती है, तो वह लातेहार या गुमला जिला में प्रवेश कर जाता है. उसे पुलिस की लगभग हर गतिविधियों की जानकारी होती है. उग्रवादियों ने पूरे इलाके में आइइडी बम लगा रखा है. इसकी चपेट में आकर निर्दोष ग्रामीण और पुलिस के जवान असमय काल के गाल मे समा रहे हैं.
जब बड़ी संख्या में ग्रामीणों की जान जाने लगी, तो उग्रवादियों ने फरमान जारी कर दिया की ग्रामीण जंगलों में नहीं जायें. जबकि ग्रामीणों की जड़ जंगल से ही जुड़ी है. जंगल ही उनके जीने का सहारा है, यदि वे जंगल नहीं जायेंगे, तो उनका जीना मुहाल हो जायेगा. लेकिन उग्रवादियों का फरमान है तो मानना ही पड़ेगा नहीं माने तो आइइडी बम की चपेट में आकर अपनी जिंदगी खत्म करें. स्थिति बहुत विकट है.
पुलिस जब भी अॉपरेशन के लिए जाती है, तो उन्हें भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लोहरदगा जिला में उग्रवादियों की बढ़ती गतिविधियों से आम व खास परेशान हैं. इसका प्रभाव लोहरदगा जिला के विकास पर भी पड़ रहा है. जबकि सरकार ने भाकपा माओवादी उग्रवादी रवींद्र गंझू पर 15 लाख रुपये का इनाम भी रखा है.