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नक्सली कमांडर सुकर उरांव की हत्या के बाद जेजेएमपी में फूट, कई साथ कर रहे हैं अलग गिरोह बनाने की तैयारी

प्लाटून कमांडर सुकर उरांव की हत्या के बाद उग्रवादी संगठन जेजेएमपी में फूट हो गया है. सुकर की मौत के बाद उसके कई साथी अलग गिरोह बनाने की तैयारी में हैं.

गुमला : प्लाटून कमांडर सुकर उरांव की हत्या के बाद उग्रवादी संगठन जेजेएमपी में फूट हो गया है. सुकर की मौत के बाद उसके कई साथी अलग गिरोह बनाने की तैयारी में हैं. इससे भाकपा माओवादी संगठन को फायदा होने की उम्मीद है. क्योंकि, सुकर उरांव के कारण भाकपा माओवादी का दस्ता घाघरा, बिशुनपुर, गुमला के कई इलाकों को छोड़ चुका था.

परंतु सुकर की मौत के बाद अब माओवादी इन तीनों थाना क्षेत्र के अपने पुराने सुरक्षित जोन में घुसने का प्रयास कर सकती है. इधर, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुकर उरांव की हत्या उसके ही दस्ते के सेकेंड कमांडर ने गोली मार कर की है. लोहरदगा के कमांडर रविंद्र यादव के कहने पर सुकर की हत्या की गयी है. पुलिस को इसका सबूत मिला है. इसके आधार पर पुलिस कार्रवाई भी शुरू कर दी है. उग्रवादियों के खिलाफ अलग-अलग पुलिस टीम बना कर घाघरा इलाके में छापामारी की जा रही है.

पुलिस को भनक तक नहीं लगी :

लावादाग गांव में 10 दिनों से जेजेएमपी का दस्ता रूका हुआ था. गांव के लोगों से खाना बनवा कर उग्रवादी खा रहे थे. परंतु इसकी भनक गुमला पुलिस को नहीं लगी. जबकि पुलिस के खुफिया तंत्र के अलावा कई ऐसे तंत्र है, जो उग्रवादियों की सूचना देने के लिए काम कर रही है. इसके बाद भी पुलिस जेजेएमपी के ठहरने वाले स्थान का पता नहीं लगा पायी. हालांकि पुलिस के लिए यह फायदा हुआ कि जेजेएमपी में ही फूट पड़ गया है. जिसका नतीजा है. प्लाटून कमांडर सुकर उरांव की हत्या कर दी गयी.

चौकीदार के बयान पर केस दर्ज :

थाना के लावादाग गांव में जेजेएमपी के प्लाटून कमांडर सुकर उरांव की हत्या मामले में चौकीदार सोमा उरांव के बयान पर घाघरा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. सोमा उरांव ने अपने बयान में बताया है कि लावादाग के कुछ ग्रामीण रविवार की अहले सुबह उसे सूचना दी कि धीरू डांड़ के समीप किसी अज्ञात व्यक्ति का शव पड़ा है.

जिसके बाद चौकीदार सोमा घटनास्थल पहुंच देखा, तो उक्त स्थल पर नीले रंग के चादर में एक शव पड़ा था. जिसकी सूचना घाघरा थाना को दी. जिसके बाद वरीय पुलिस पदाधिकारी घटनास्थल पहुंच कर देखा, तो पता चला कि जेजेएमपी के कमांडर सुकर उरांव का शव पड़ा है, जो सेन्हा प्रखंड क्षेत्र के पाली गांव के जोगरो पहान का पुत्र है और वह जेजेएमपी कमांडर था. अपने बयान में सोमा ने कहा है कि शनिवार की रात्रि लगभग दो बजे गोली की आवाज गांव के लोगों को सुनायी दी थी. साथ ही घटनास्थल के पास से 8-9 खोखा भी बरामद किया गया है.

हत्या कर पैसा व हथियार ले गये थे :

जेजेएमपी के प्लाटून कमांडर सुकर उरांव हत्या को लेकर सूत्रों की माने तो माओवादी संगठन से एक वर्ष पूर्व तीन उग्रवादी दीवाकर उर्फ बहुरा, सचिन व अमर उरांव जेजेएमपी के सुकर की टीम में शामिल हो गये थे. उस समय से इस घटना को अंजाम देने का प्लान चल रहा था. जिसके लिए एक बेहतर मौका लावादाग इलाके में ठहरना मिला. उस दिन रात्रि करीब 12.30 बजे जब सभी उग्रवादी सो गये.

तब, सारे हथियारों को माओवादी से जेजेएमपी में शामिल हुए तीन उग्रवादियों ने मिलकर अपने कब्जे में ले लिया. इसके बाद सुकर की गोली मार कर हत्या कर दी. हत्या करने के बाद बाकी बचे संगठन के सदस्यों को वहां से भगा दिया और हथियार लेकर वहां से चलते बने. विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि जिस वक्त हत्याकांड को अंजाम दिया गया. उस समय सुकर के पास लेवी की बड़ी रकम भी मौजूद थी. जिसे साथ लेकर चले गये. सुकर के पास एके-47 व एलएमजी था. उसे भी ले गये.

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