Jharkhand Naxal News : नक्सलियों के जाल में फंस सकते हैं पुलिस के जवान, जंगलों में ढाई-ढाई सौ ग्राम के आइइडी बम बिछा रखे हैं
उन्होंने कहा कि 25 फरवरी को गुमला पुलिस व सीआरपीएफ को पुख्ता सूचना थी कि रोरेद जंगल में बुद्धेश्वर उरांव अपने दस्ते के साथ है. दस्ते में 10 से 12 नक्सली हैं. इस सूचना पर गुमला पुलिस व सीआरपीएफ-218 बटालियन रोरेद जंगल घुसी. जिस स्थान पर बुद्धेश्व उरांव बैठा हुआ था, उस जगह को जवान तीन दिशाओं से घेर रहे थे, परंतु नक्सलियों के नजदीक पहुंचने से पहले बुद्धेश्वर को इसकी भनक लग गयी और वह पहले एक आइइडी बम विस्फोट किया, जिससे सीआरपीएफ का जवान रॉबिन्स कुमार घायल हो गया.
Jharkhand News, Gumla News, Gumla naxal attack update गुमला : भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर 15 लाख रुपये का इनामी बुद्धेश्वर उरांव अपनी सुरक्षा के लिए जंगलों में जगह-जगह पर ढाई-ढाई सौ ग्राम का आइइडी बम बिछा रखा है, ताकि पुलिस जब जंगल में घुसे तो आइइडी बम की चपेट में आ सके. ये बातें गुमला के पुलिस अधीक्षक एचपी जनार्दनन ने बतायी.
उन्होंने कहा कि 25 फरवरी को गुमला पुलिस व सीआरपीएफ को पुख्ता सूचना थी कि रोरेद जंगल में बुद्धेश्वर उरांव अपने दस्ते के साथ है. दस्ते में 10 से 12 नक्सली हैं. इस सूचना पर गुमला पुलिस व सीआरपीएफ-218 बटालियन रोरेद जंगल घुसी. जिस स्थान पर बुद्धेश्व उरांव बैठा हुआ था, उस जगह को जवान तीन दिशाओं से घेर रहे थे, परंतु नक्सलियों के नजदीक पहुंचने से पहले बुद्धेश्वर को इसकी भनक लग गयी और वह पहले एक आइइडी बम विस्फोट किया, जिससे सीआरपीएफ का जवान रॉबिन्स कुमार घायल हो गया.
बम विस्फोट करने के बाद नक्सलियों ने फायरिंग कर दी थी, फिर भी सुरक्षा बल के जवान नक्सलियों के करीब जा रहे थे. 25 फरवरी को बुद्धेश्वर मुठभेड़ में मारा जाता, परंतु अपने नजदीक सुरक्षा बल के जवानों का आता देख वह तीन आइइडी बम ब्लास्ट कर दिया. इसके बाद नक्सली वहां से भाग निकले. एसपी ने कहा कि जिस रणनीति के तहत रोरेद जंगल में अभियान चला था, पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगने वाली थी, परंतु चूक गये.
घायल जवान ने दागी थी पहली गोली :
सात फरवरी को कोचागानी जंगल के समीप बुद्धेश्वर उरांव के दस्ते के साथ सीआरपीएफ की मुठभेड़ हुई थी. उस समय भी नक्सली घिर गये थे, परंतु नक्सलियों ने फायरिंग कर दी थी. जिसके बाद जवानों ने मोर्चा संभाल लिया था. सात फरवरी की मुठभेड़ में सीआरपीएफ की ओर से पहली गोली रॉबिन्स कुमार ने ही नक्सलियों पर फायर की थी, परंतु 25 फरवरी को छापामारी के दौरान हमारा बहादुर जवान रॉबिन्स घायल हो गया.
अभी भी नक्सली कुरूमगढ़ इलाके में हैं :
भाकपा माओवादी के नक्सली अभी भी कुरूमगढ़ इलाके में शरण लिये हुए हैं. यह पूरा इलाका घने जंगल व पहाड़ों से घिरा है. इस कारण जब भी पुलिस नक्सलियों की मांद में घुसती है, नक्सली एक जंगल से दूसरे गांव के जंगल में घुस जाते हैं. एसपी ने कहा है कि अगर कुरूमगढ़ इलाके के ग्रामीण पुलिस की मदद करे, तो इस क्षेत्र से नक्सलियों को खत्म कर देंगे. क्योंकि कई ऐसे जंगल हैं, जो घना हैं, जहां सिर्फ गांव के लोग घुसते हैं. जहां नक्सली रहते हैं, अगर ग्रामीण उन इलाकों की सही जानकारी दें, तो हम नक्सलियों को उनके मांद में घुस कर मारेंगे.
नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया :
पुलिस दबिश के कारण लंबे अरसे से भाकपा माओवादी चैनपुर इलाके में चुप थे. कई वर्षों के बाद 25 फरवरी को माओवादी ने बम ब्लास्ट कर सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है. इसपर गुमला एसपी ने कहा है कि बुद्धेश्वर उरांव के दस्ते ने जिस प्रकार की घटना को अंजाम दिया है, उसका परिणाम उसे जल्द भुगतना पड़ेगा. उसे सरेंडर करने के लिए कह रहे थे, परंतु अब उसे मार गिराया जायेगा. गुमला के जंगल में नक्सलियों ने ढाई-ढाई सौ ग्राम के आइइडी बम बिछाने तथा Breaking News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.
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जोनल कमांडर बुद्धेश्वर उरांव के दस्ते में 10 से 12 नक्सली हैं
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आइइडी बम ब्लास्ट नहीं करते, तो 25 फरवरी को बुद्धेश्वर उरांव अपने दस्ते के साथ मारा जाता
Posted By : Sameer Oraon