गुमला : गुमला जिले के कुरूमगढ़ इलाके के कई गांवों में नक्सलियों ने दो तल्ला स्कूल भवन बनाने पर रोक लगा दी है. शिक्षा विभाग द्वारा पांच साल में दर्जनों स्कूलों में नया भवन बनाने के लिए स्वीकृति दी गयी. परंतु, नक्सलियों के डर से किसी भी स्कूल के सचिव ने दो तल्ला भवन बनाने की हिम्मत नहीं दिखायी.
शिक्षा विभाग गुमला के अनुसार नक्सलियों को डर है कि अगर दो तल्ला स्कूल भवन बन जायेगा, तो वहां पुलिस आकर रुकेगी. इससे नक्सलियों को क्षेत्र में घूमते नहीं बनेगा. कुछ स्कूलों ने तो नक्सली डर से स्कूल भवन नहीं बनाया और पैसा वापस कर दिया. कोरवा जनजाति बहुल हरिनाखाड़ गांव में तो डर से स्कूल भवन भी नहीं बना. दो बार स्कूल भवन बनाने के लिए स्कूल के प्रधानाध्यापक को पैसा दिया गया था. परंतु दोनों बार प्रधानाध्यापक ने पैसा लौटा दिया.
तबेला में हाई स्कूल है. यहां शिक्षा विभाग व ब्लॉक फंड से स्कूल भवन बना है. फंड दो तल्ला भवन बनाने के लिए दिया गया था. परंतु डर से स्कूल के एचएम ने दो तल्ला नहीं बनाया. बेकार पड़ी जमीन पर आधा दर्जन स्कूल भवन बना दिया गया. इसमें कुछ भवन नक्सली डर से पूरा भी नहीं हुआ. हालांकि भवन बनाने का पूरा पैसा निकाल लिया गया है. सिविल व कुरूमगढ़ गांव में भी कई स्कूल भवन बने हैं.
परंतु सभी एक ही तल्ला का भवन है. दूसरा तल्ला नहीं बना. कुरूमगढ़ में पक्का स्कूल भवन का हॉल बनाने का प्रयास हुआ था. परंतु उसे चार साल पहले नक्सलियों ने बम से उड़ा दिया था. तब से दो तल्ला भवन बनाने की हिम्मत किसी ने नहीं जुटायी. इसके अलावा इस क्षेत्र के उरू, केरागानी, हरिनाखाड़, बारडीह, बामदा, सोकराहातू सहित दो दर्जन गांवों के स्कूलों में दो तल्ला भवन बनाने नहीं दिया गया.
कुछ स्कूलों के शिक्षकों से बात हुई है. शिक्षकों ने कहा कह कि हमें जिंदा रहना है. इसलिए ज्यादा हम नहीं बता सकते हैं. परंतु, यह सच है कि दो तल्ला स्कूल भवन बनाने पर रोक है. पांच साल से इस क्षेत्र में दर्जनों स्कूल भवन बना. परंतु किसी भी स्कूल में दो तल्ला भवन नहीं है. सरकार को चाहिए कि जो स्कूल भवन है. वह स्कूल के एचएम से न बनवा कर टेंडर के माध्यम से ठेकेदार से बनवाये. जिससे ठेकेदार अपने स्तर से मैनेज कर स्कूल भवन बनवा सकते हैं.
शिक्षा विभाग द्वारा दो तल्ला भवन बनाने के लिए कई बार स्कूल के एचएम को कहा गया. परंतु इलाका ऐसा है कि किसी ने दो तल्ला भवन नहीं बनाया. कुछ स्कूलों ने तो पैसा भी वापस कर दिया.
सुरेंद्र पांडे, डीइओ, गुमला
Posted By : Sameer Oraon