Jharkhand Naxal News, Gumla News पालकोट : भाकपा माओवादियों की करतूत के कारण वर्तमान में दो परिवार संकट में जी रहे हैं. प्रशासन भी मदद नहीं कर रहा है. हम बात कर रहे हैं, पालकोट प्रखंड के कोलेंग पंचायत स्थित कुलबीर गांव की. गांव के दो ऐसे परिवार हैं, जो आज भी माओवादियों के हमले को याद कर सिहर जाते हैं. वर्तमान में दोनों परिवार आर्थिक तंगी में जी रहे हैं. पहली घटना 30 नवंबर 2012 की है.
गांव के शनिचर खड़िया को भाकपा माओवादियों ने हत्या कर दी थी. परंतु मृतक की विधवा सूरजी देवी को आज तक सरकार व प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली. न ही किसी प्रकार का मुआवजा दिया गया है. जबकि नक्सली घटना में मुआवजा देने का प्रावधान है. अभी पीड़ित परिवार किसी तरह जीवन-यापन कर रहा है.
सूरजी देवी ने कहा कि मेरी चार बेटियां हैं. आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय है. इस कारण बच्चों की पढ़ाई-लिखाई बंद है. स्कूल में नामांकन कराने के लिए पैसा नहीं है. उन्होंने प्रशासन से मदद की गुहार लगायी है. दूसरी घटना वर्ष 2013 की है. कुलबीर गांव के जोगीटोली निवासी बुधराम टाना भगत के मकान को माकपा माओवादियों ने जला दिया था.
पीड़ित किसान की तीन बेटियां हैं. उन्हें भी सरकार व प्रशासन ने किसी प्रकार की सहायता नहीं की है. जबकि बुधराम कई बार प्रशासन से घर बनवाने की मांग कर चुके हैं. दोनों परिवार सरकार व प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
Posted By : Sameer Oraon